जिस घाट पर इतनी भगदड़ मची उसी पर स्नान करने को बेचैन क्यों है श्रद्धालु, ये है राज

प्रयागराज में महाकुंभ में भारी भीड़ उमड़ रही है, जो 10 करोड़ से ज़्यादा है। मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर लाखों लोग पवित्र "अमृत स्नान" के लिए संगम पर एकत्र हुए। भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, जिसमें श्रद्धालु हिलने-डुलने के लिए संघर्ष कर रहे थे और महिलाएँ एक-दूसरे पर गिर रही थीं।
संगम नोज़ पर भगदड़
अधिक भीड़ के कारण, बैरिकेड गिर गए, जिससे अफरातफरी मच गई। कई लोगों के घायल होने की सूचना मिली है, जिसमें 15 लोगों के हताहत होने की आशंका है, हालाँकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुष्टि की कि कुंभ में अभी भी लगभग 8-9 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं और घोषणा की कि अखाड़े अमृत स्नान में भाग नहीं लेंगे।
अमृत स्नान और संगम नोज़ का महत्व
मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, और संगम नोज़ सबसे पवित्र स्नान स्थल है जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है। इस कारण, भक्त यहाँ डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़ते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे पाप धुल जाते हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया
आधी रात को मची भगदड़ के बाद आपातकालीन सेवाएं, एंबुलेंस और पुलिस को तैनात किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम योगी से व्यक्तिगत रूप से स्थिति की जानकारी ली, जिन्होंने सुबह-सुबह अधिकारियों के साथ बैठक की।
144 साल बाद दुर्लभ खगोलीय घटना
144 साल बाद एक अनोखा 'त्रिवेणी योग' बन रहा है, जो इस घटना के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा रहा है। सुबह 8 बजे तक 3 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके थे, मंगलवार रात को कुल 4.83 करोड़ डुबकी लगाई गई। धार्मिक नेताओं का मानना है कि यह पवित्र स्नान पापों से मुक्ति दिलाता है, जो इसे अपार आस्था और भक्ति का अवसर बनाता है।