वास्तु टिप्स: घर के मंदिर में कभी न करें ये 7 गलतियां, मां लक्ष्मी होंगी नाराज
वास्तु टिप्स: मंदिर हमेशा उत्तर पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए। अगर घर का मंदिर गलत दिशा में स्थापित है तो घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है। जिसके कारण पूजा करने में मन नहीं लगता है। तो आइए जानें वास्तु के अनुसार घर के मंदिर से जुड़ी कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
वास्तु के अनुसार मंदिर हमेशा उत्तर या ईशान दिशा में होना चाहिए। सबसे जरूरी है कि घर में मंदिर की दिशा सही हो। घर में मंदिर रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। अगर पूजा घर में वास्तु दोष हो तो घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है। मान्यता के अनुसार पूजा घर की सही दिशा और पूजा घर में भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों की सही दिशा जानना भी जरूरी है। ऐसा कहा जाता है कि अगर घर में बना मंदिर वास्तु के विपरीत है तो पूजा करते समय मन एकाग्र नहीं हो पाता है और पूजा करने से कोई लाभ नहीं मिलता है। आइए जानें कुछ ऐसे वास्तु टिप्स के बारे में जिन्हें आप अपने पूजा घर के लिए ध्यान में रख सकते हैं
वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजा घर सही दिशा में होना चाहिए, अगर पूजा घर सही दिशा में नहीं है तो इसका लाभ नहीं मिलता है। इसलिए पूजा घर हमेशा घर की उत्तर दिशा में होना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण या पश्चिम दिशा अशुभ होती है। इसके अलावा घर के मंदिर में दो शंख एक साथ रखना भी उचित नहीं होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर में कभी भी खंडित मूर्तियां स्थापित नहीं करनी चाहिए। इसे सबसे अशुभ माना जाता है। इतना ही नहीं अगर आप खंडित मूर्तियों की पूजा करेंगे तो देवी-देवता नाराज हो जाएंगे।
वास्तु के अनुसार पूजा घर कभी भी स्टोर रूम, बेडरूम और बेसमेंट में नहीं होना चाहिए। पूजा घर हमेशा खुली जगह पर बनाना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में भगवान की एक से अधिक तस्वीरें नहीं रखनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि भगवान गणेश की 3 मूर्तियां नहीं होनी चाहिए। जिसके कारण घर के शुभ कार्यों में बाधाएं आती हैं। मूर्ति और तस्वीरें रखने की सही दिशा का भी ज्ञान होना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार भूलकर भी मंदिर के पास शौचालय न बनाएं। कई बार लोग घर की रसोई में मंदिर बना लेते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार रसोई में भी मंदिर नहीं होना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
घर के मंदिर में हमेशा देवी-देवताओं की मुस्कुराती हुई तस्वीरें रखनी चाहिए। मंदिर में देवी-देवताओं के रौद्र रूप की तस्वीरें न रखें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।