वास्तु टिप्स: भूलकर भी इस जगह न बनाएं पूजा घर, पड़ेगा विपरीत प्रभाव, घिरेंगी परेशानियां

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मंदिर के लिए वास्तु टिप्स: वास्तु के अनुसार कुछ जगहों पर पूजा घर बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए क्योंकि इससे परिवार में कई परेशानियां आती हैं। जानिए किन जगहों पर मंदिर बनाने से बचना चाहिए।

पूजा घर के लिए वास्तु टिप्स, जानें वास्तु शास्त्र के अनुसार सही स्थान और दिशा वास्तु टिप्स: घर में इस जगह को भूलकर भी न बनाएं पूजा का स्थान, पड़ेगा विपरीत प्रभाव, घिरेंगी परेशानियां

मंदिर के लिए वास्तु टिप्स: वास्तु के अनुसार कुछ जगहों पर पूजा घर बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए क्योंकि इससे परिवार में कई परेशानियां आती हैं। जानिए किन जगहों पर मंदिर बनाने से बचना चाहिए।

वास्तु शास्त्र में दिशाओं को विशेष महत्व दिया गया है। घर में मौजूद वस्तुओं में भी सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा होती है, जिसका प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर पड़ता है। वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि किसी भी घर का निर्माण किस प्रकार करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कौन सा कमरा किस दिशा में होना चाहिए इसके कुछ नियम होते हैं। पूजा घर बनवाते समय वास्तु नियमों का विशेष रूप से पालन करना चाहिए। वास्तु के अनुसार कुछ जगहों पर पूजा घर नहीं बनाना चाहिए क्योंकि इससे परिवार में एक के बाद एक परेशानियां आने लगती हैं।

इन जगहों पर भूलकर भी पूजा घर न बनाएं

वास्तु के अनुसार घर का पूजाघर कभी भी सीढ़ियों के नीचे नहीं बनाना चाहिए। वास्तु में सीढ़ियों के नीचे का स्थान अशुभ माना जाता है। यदि मंदिर सीढ़ियों के नीचे बना हो तो घर में हमेशा झगड़ा बना रहता है। जिसके कारण परिवार के सदस्यों के बीच हमेशा दुख बना रहता है। इससे मानसिक अशांति भी होती है।

घर में पूजाघर कभी भी बाथरूम के बगल में न बनाएं। बाथरूम के ऊपर या नीचे पूजा घर बनाने से बचें। वास्तु बाथरूम के संपर्क में पूजा घर बनाना बहुत ही अशुद्ध माना जाता है। जिसके कारण घर के सदस्यों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। जिससे धन की हानि होती है।

वास्तु के अनुसार घर का मंदिर कभी भी बेसमेंट में नहीं बनाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पूजा का फल नहीं मिलता है। तहखाने में अंधेरा होता है और पूजा घर कभी भी अंधेरे स्थान पर नहीं बनाना चाहिए। पूजा का स्थान खुला, स्वच्छ हवा और रोशनी वाला होना चाहिए।

शयनकक्ष में कभी भी पूजाघर नहीं बनाना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो शयनकक्ष के उत्तर-पूर्व में पूजा का स्थान बनाएं और मंदिर के चारों ओर पर्दे लगा दें। वास्तु के अनुसार पूजा घर में सफेद या क्रीम रंग का ही प्रयोग करना चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर में मूर्तियां भी सही दिशा में होनी चाहिए। भगवान की फोटो या मूर्ति कभी भी दक्षिण-पश्चिम कोने में नहीं रखनी चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है और इससे जीवन में हमेशा परेशानियां आती रहती हैं।

पूजा घर में कभी भी गणेश जी और मां दुर्गा की 3 मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। इसके अलावा व्यक्ति को केवल शिवलिंग, शंख, सूर्य देव की मूर्ति और शालिग्राम ही रखना चाहिए, सभी चीजें रखने से मन अशांत रहता है।

अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि RK किसी भी जानकारी, उपाय या उपचार पद्धति का समर्थन नहीं करता है। किसी भी जानकारी या विश्वास पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें

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