वास्तु शास्त्र: मंदिर में पानी रखना क्यों जरूरी है? यहां जानें क्यों

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वास्तु शास्त्र: वास्तु शास्त्र में पूजा घर से जुड़े वास्तु के कुछ नियम बताए गए हैं। वास्तु के अनुसार पूजा घर में पानी रखना जरूरी माना जाता है। आइए जानें कि ऐसा क्यों करना चाहिए

वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित है। वास्तु में घर की हर दिशा और कमरे का विशेष स्थान होता है। घर में कौन सी चीज किस दिशा में रखनी चाहिए इसका भी वास्तु शास्त्र में वर्णन किया गया है। पूजा घर में इससे जुड़े कुछ वास्तु नियम भी होते हैं। वास्तु के अनुसार पूजा घर में पानी रखना जरूरी होता है। आइए जानें कि ऐसा क्यों करना चाहिए.

मंदिर में क्यों रखना चाहिए जल?

हर घर में एक पूजा घर जरूर होता है। यहां पूजन सामग्री के अलावा शंख, गरुड़ घंटी, गाय, चंदन का दीपक, तांबे का सिक्का, आचमन पात्री, गंगा जल और जल का कलश रखा जाता है। कई घरों में मटले की जगह जल का कलश रखा जाता है। पूजा से पहले भगवान की मूर्ति को जल से स्नान कराने के बाद पूजा स्थल पर जल छिड़क कर पवित्र किया जाता है। इसीलिए पूजा स्थल पर एक लोटे में जल रखा जाता है।

ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार गुरुदेव गरुड़ घंटी के रूप में स्थापित हैं, उसी प्रकार वरुण देव जल के रूप में स्थापित हैं। मान्यताओं के अनुसार जल को वरुण देवता के रूप में पूजा जाता है और यह संसार की रक्षा करता है। पूजा घर के पानी में तुलसी की कुछ पत्तियां डालने से पानी शुद्ध हो जाता है। जैसे ही यह जल शुद्ध हो जाता है तो आचमन योग बन जाता है। इस जल से पूजा स्थल को पवित्र करने से देवता प्रसन्न होते हैं।

पूजा घर में कैसे स्थापित करें जलकुंड

यदि घर में पूजा का स्थान उत्तर-पूर्व दिशा में हो तो यहां जल अवश्य स्थापित करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। पूजा स्थान पर तांबे के लोटे में जल रखना बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार पूजा घर में पानी रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार गुरुदेव गरुड़ घंटी के रूप में स्थापित हैं, उसी प्रकार वरुण देव जल के रूप में स्थापित हैं। मान्यताओं के अनुसार जल को वरुण देवता के रूप में पूजा जाता है और यह संसार की रक्षा करता है। पूजा घर के पानी में तुलसी की कुछ पत्तियां डालने से पानी शुद्ध हो जाता है। जैसे ही यह जल शुद्ध हो जाता है तो आचमन योग बन जाता है। इस जल से पूजा स्थल को पवित्र करने से देवता प्रसन्न होते हैं।

पूजा घर में कैसे स्थापित करें जलकुंड

यदि घर में पूजा का स्थान उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में है तो यहां जल स्थापना करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। पूजा स्थान पर तांबे के लोटे में जल रखना बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार पूजा घर में पानी रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।

अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि RK किसी भी पहचान, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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