महाभारत के वो 5 सबसे शक्तिशाली अस्त्र जिनके एक वार से खत्म हो सकता था पूरा युद्ध, अर्जुन के पास था ये विनाशकारी शस्त्र

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PC: News18 Hindi

महाभारत युद्ध को प्राचीन इतिहास की सबसे ज़बरदस्त और मशहूर लड़ाइयों में से एक माना जाता है। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें न सिर्फ़ वीरता और रणनीति दिखी, बल्कि दिव्य हथियारों का इस्तेमाल भी हुआ, जिनकी शक्ति आज भी हमारी कल्पना से परे है।

इनमें से कुछ हथियार इतने विनाशकारी थे कि एक ही वार से पूरा युद्ध खत्म हो सकता था। यहाँ महाभारत में बताए गए कुछ सबसे असाधारण और शक्तिशाली हथियारों के बारे में बताया गया है:

पशुपतास्त्र – भगवान शिव का सबसे शक्तिशाली हथियार

भगवान शिव द्वारा दिया गया पशुपतास्त्र, महाभारत का सबसे विनाशकारी हथियार माना जाता है। इसमें पूरी सृष्टि को खत्म करने की शक्ति थी। अर्जुन ने भगवान शिव को खुश करने के लिए कड़ी तपस्या करके यह हथियार हासिल किया था। हालाँकि, दुनिया को नष्ट करने की क्षमता के कारण, अर्जुन ने इसे युद्ध में इस्तेमाल नहीं किया।

ब्रह्मास्त्र – ब्रह्मा का सबसे घातक हथियार

ब्रह्मास्त्र भगवान ब्रह्मा द्वारा बनाया गया एक दिव्य हथियार था। इसका मुकाबला सिर्फ़ दूसरे ब्रह्मास्त्र से ही किया जा सकता था। कहा जाता है कि अर्जुन, कर्ण, द्रोणाचार्य, अश्वत्थामा और युधिष्ठिर जैसे योद्धाओं को इसका इस्तेमाल करना आता था। जब इसे चलाया जाता था, तो यह धरती को बंजर बना देता था और आसमान में अंधेरा छा जाता था।

नारायणास्त्र – भगवान विष्णु का शक्तिशाली हथियार

नारायणास्त्र भगवान विष्णु से जुड़ा एक भयानक हथियार था। यह अग्निबाणों और प्रक्षेपास्त्रों की बौछार करता था जिसे कोई भी बचाव रोक नहीं सकता था। इसके हमले से बचने का एकमात्र तरीका पूरी तरह से आत्मसमर्पण करना था। अश्वत्थामा ने अपने पिता द्रोण के मारे जाने के बाद पांडव सेना के खिलाफ इस हथियार का इस्तेमाल किया, जिससे भारी तबाही हुई।

आग्नेयास्त्र – आग का हथियार

आग्नेयास्त्र अग्नि देव, अग्नि द्वारा दिया गया हथियार था। इसमें पल भर में अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को जलाकर राख करने की क्षमता थी। इसे बेअसर करने वाला एकमात्र हथियार वरुण अस्त्र था, जो जल देवता से जुड़ा था। गुरु द्रोणाचार्य ने अर्जुन को इस हथियार का इस्तेमाल करना सिखाया था।

वासवी शक्ति – इंद्र का अजेय हथियार

वासवी शक्ति देवताओं के राजा भगवान इंद्र द्वारा दिया गया एक अनोखा और अचूक हथियार था। एक बार चलाने के बाद यह कभी अपना निशाना नहीं चूकता था और इसे सिर्फ़ एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता था। कर्ण ने इसे अर्जुन के लिए बचाकर रखा था, लेकिन हालात ऐसे बने कि उसे इसे घटोत्कच के खिलाफ इस्तेमाल करना पड़ा, जिससे वह तुरंत मारा गया।

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