Sikh Guru Har Rai Ji: सिखों के 7वें गुरु हर राय जी की पुण्यतिथि आज, जानिए उनके जीवन से जुड़ी 7 अहम बातें
सिक्खों के छठे गुरु हरगोविंद साहिब जी ने मरने से पहले 14 साल की छोटी उम्र में ही अपने पोते हर राय जी को 'सप्तम नानक' घोषित कर दिया था। इस प्रकार गुरु हर राय एक आध्यात्मिक और राष्ट्रवादी महापुरुष होने के साथ-साथ एक योद्धा होने के नाते सिखों के सातवें गुरु बने। गुरु हर राय जी ने हमेशा लोगों को नैतिक जीवन जीने की सलाह दी। गुरु हर राय जी ने हमेशा जरूरतमंदों को अच्छा कमाना, उसका कुछ हिस्सा जरूरतमंदों को दान करना और बुराई का त्याग करना और अच्छे कर्मों को स्वीकार करना सिखाया। आज इस महान संत की पुण्यतिथि, आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें...
1- सिख धर्म के सातवें गुरु हर राय जी का जन्म कीरतपुर में 20 माघ संवत 1686 (26 फरवरी 1630) को बाबा गुरदित्त और माता निहाल कौर के यहाँ हुआ था।
2- चैत्र 7 संवत 1701 (8 मार्च 1644) को गुरु हर राय जी को धर्म गुरु की उपाधि मिली।
3- उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए एक आयुर्वेदिक अस्पताल भी बनवाया।
4- गुरु हर राय जी का विवाह किशन कौर जी से हुआ था। गुरु हर राय जी के दो पुत्र थे। राम राय और हरकिशन सिंह जी (गुरु)।
5- गुरु हर राय जी ने 1661 ई. में किरतपुर साहिब में कार्तिक वादी नवमी पर अपने शरीर की बलि दी थी।