Rochak News: अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में खुदाई के दौरान वर्षों पुराना सच आया सामने, मिली यह चीजें

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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है। कई वर्षों तक विवाद में रहने के बाद पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में अंतिम फैसला सुनाते हुए कहा था कि यह मंदिर की जमीन है। कोर्ट के फैसले के बाद एक ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया था लेकिन कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते यह निर्माण कार्य कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया था।

अब एक बार फिर से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है जिसके तहत 67 एकड़ के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण और अतिक्रमण आदि को हटाने का काम किया जा रहा है। समतलीकरण और खुदाई के काम के दौरान मंदिर का सैकड़ों वर्षों का पुराना इतिहास भी सामने आ रहा है। दरअसल, समतलीकरण और खुदाई के दौरान कई प्राचीन मूर्तियां और मंदिर के पुरावशेष मिल रहे हैं।

समतलीकरण के दौरान मिली कई प्राचीन मूर्तियां व शिवलिंग :

श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने बताया कि मंदिर वाली भूमि के नीचे कई प्रकार की प्राचीन मूर्तियां, खंभे व शिवलिंग भी मिला है। वैसे इसमें हैरानी की कोई बात नहीं है क्योंकि इसका अनुमान पहले से था कि मंदिर की भूमि के नीचे प्राचीन खंभे व मूर्तियां मिलने की संभावना है। दरअसल, जब मुगल आक्रांताओं ने मंदिर को तोड़ा था तब उसका मलबा व मूर्तियां नीचे ही दबी रह गई थी जो अब खुदाई के दौरान बाहर आ रही है।

सैकड़ों वर्षों तक विवादित रही अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि पर कोर्ट के आदेश के बाद कार्य शुरू हुआ है जिसके समतलीकरण कार्य में 3 जेसीबी, 1 क्रेन, 2 ट्रैक्टर और 10 मजदूर लगाए गए हैं। इस दौरान कई हिंदू देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियाँ, पुष्प, कलश, दोरजाम्ब जैसी कलाकृतियाँ, भवन के मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 8 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ और 5 फिट आकार की नक्काशीयुक्त शिवलिंग की आकृति मिली है।

ट्रस्ट की देख-रेख में हो रहा है भव्य मंदिर का निर्माण :


 


कोरोना महामारी को देखते हुए समतलीकरण कार्य में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण होने की तैयारियां अब गति पकड़ रही हैं। इस मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया है। इसी ट्रस्ट की देख-रेख में भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। समतलीकरण का कार्य पूरा हो जाने के बाद भूमि पूजन का आयोजन किया जाएगा।

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