Rochak news : रेवाडी के इस मंदिर में आज तक न ताला, न सुरक्षा... फिर भी नहीं हुई चोरी! जानिए रहस्य

सभी देवी-देवताओं का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। बता दे की, प्रत्येक देवता की अपनी-अपनी पूजा पद्धति होती है। कष्ट दूर करने के लिए शनिदेव महाराज की पूजा की जाती है। शनिदेव धाम, रेवाडी शहर के बाला सराय मोहल्ले में स्थित रेवाडी का एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर की स्थापना करीब 250 साल पहले मराठों के शासनकाल से पहले की गई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की, हरियाणा के रेवाडी और हिसार में शनिदेव के दो सबसे पुराने और बड़े मंदिर हैं, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर समिति के व्यवस्थापकों का कहना है कि जब मराठों का शासन था, तब राजा की सेना यहां से निकलती थी।
चोर चोरी नहीं कर सकते
बता दे की, शनिदेव की शक्ति इतनी प्रबल रही है कि चोर मंदिर में चोरी नहीं कर सके। आपने कई बार सुना होगा कि चोर मंदिरों से सामान चुरा लेते हैं, मगर इस मंदिर से आज तक चोर चोरी नहीं कर पाए। हालाँकि चोरों ने कई बार चोरी करने की कोशिश की, मगर मंदिर समिति के सदस्यों का कहना है कि शनिदेव के चमत्कार के कारण, चोर या तो अंधे हो जाते हैं या बाबा की इच्छा के विरुद्ध सामान छोड़कर भाग जाते हैं।
शनिधाम के प्रति लोगों की अपार आस्था है
रेवाडी शहर के धारूहेड़ा चुंगी के बाला सराय क्षेत्र में बने शनिधाम के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। शनिदेव की पूजा का भी एक अलग तरीका है। बता दे की, शनिदेव की मूर्ति की आंखों में नहीं देखना चाहिए। मूर्ति की पूजा सामने से न करके बगल से करनी चाहिए। शनिदेव की पूजा के बाद शिव शंकर और हनुमानजी की पूजा अवश्य करनी चाहिए, तभी शनिदेव की पूजा सफल मानी जाती है।