Offbeat: भगवान राम ने क्यों फोड़ दी थी कौए की आँख? फिर दिया था एक वरदान, पढ़ें पूरा किस्सा

PC: TV9 Bharatvarsh
श्रीरामचरितमानस में एक रोचक और महत्वपूर्ण कथा मिलती है, जो हमें ये बताती है कि कौआ केवल एक ही आँख से देख सकता है। यह प्रसंग भगवान श्रीराम-माता सीता और इंद्रदेव के पुत्र जयंत से जुड़ा है।
जयंत की शंका और परीक्षा
एक बार भगवान श्रीराम माता सीता के बालों में फूल सजा रहे थे। इस नजारे को इंद्र के पुत्र जयंत ने देखा। उन्हें संदेह हुआ कि क्या यह वास्तव में भगवान विष्णु का अवतार हैं या केवल कोई साधारण मानव ही है। इसलिए जयंत ने एक कौए का रूप ले लिया और वहां जाकर माता सीता के पैर पर चोंच मार दी। इस चोट से माता सीता के पैर में घाव हो गया।
भगवान राम को आया क्रोध
माता सीता को घायल देख भगवान राम को बेहद गुस्सा आया। उन्होंने तुरंत एक बाण छोड़ दिया, जो कौए रूपी जयंत का पीछा करने लगा। जयंत अपने प्राण बचाने के लिए ब्रह्मलोक, शिवलोक और सभी देव लोकों में भागा, लेकिन इस दिव्य बाण से वह बच नहीं पाया।
जयंत का आत्मसमर्पण
अंत में वह श्रीराम के चरणों में गिर पड़ा और क्षमा याचना करने लगा। भगवान राम ने उस से कहा कि एक बार निकला हुआ बाण वापस नहीं लिया जा सकता है लेकिन कम आघात पहुंचाया जा सकता है।
फूटी आँख
बाण ने जयंत की एक आंख फोड़ दी। तभी से यह मान्यता प्रचलित है कि कौआ केवल एक ही आंख से देख सकता है।
इस घटना के बाद भगवान श्रीराम ने कौए को यह वरदान दिया कि कौए को भोजन कराने से पितृ प्रसन्न होंगे, और इसलिए आज भी श्राद्ध में कौए को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
