Offbeat: मौत की भविष्यवाणी कर देता है ये कुआँ, अंदर झांक कर देखने से पता चल जाता है कितनी होगी उम्र

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भारत प्राचीन मंदिरों और पवित्र स्थलों का देश है, जिनमें से कई आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली माने जाते हैं। ये स्थान न केवल भक्ति के केंद्र हैं, बल्कि अपने रहस्यों और चमत्कारों के लिए भी जाने जाते हैं। इनमें से एक खास कुआँ है जो इसलिए ख़ास है क्योंकि कहा जाता है कि इसमें देखने मात्र से ही व्यक्ति की मृत्यु का समय पता चल जाता है।
आइए इस रोचक मान्यता और वाराणसी के चंद्रकूप कुएँ के पीछे की कहानी को जानें।
एक परछाई जो बताती है भाग्य
पवित्र नगरी वाराणसी में स्थित चंद्रकूप कुआँ, गहरे आध्यात्मिक महत्व से घिरा हुआ है। एक स्थानीय किंवदंती के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति कुएँ में झाँकता है और पानी में अपनी परछाई का स्पष्ट प्रतिबिंब देखता है, तो यह इस बात का संकेत है कि उसका जीवन तत्काल खतरे से मुक्त है। हालाँकि, यदि प्रतिबिंब ना दिखे या आधा अधूर दिखे तो यह इस बात का संकेत माना जाता है कि व्यक्ति अगले छह महीनों के भीतर मर सकता है।
यह अनोखी मान्यता दूर-दूर से आगंतुकों और तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है, जो सभी जिज्ञासु या अपने भाग्य का सामना करने के लिए पर्याप्त साहसी होते हैं।
पौराणिक उत्पत्ति
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि इस कुएँ का निर्माण स्वयं चंद्र देव ने किया था। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यहाँ घोर तपस्या की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने इस कुएँ को रहस्यमयी शक्तियाँ प्रदान कीं।
तब से, चंद्रकूप आस्था और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक बन गया है। ऐसा माना जाता है कि इसके जल में दर्शन मात्र से मन, शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाते हैं। पूर्णिमा और अमावस्या की रातों में इस स्थल का विशेष महत्व होता है, जब विस्तृत अनुष्ठान और प्रार्थनाएँ की जाती हैं।