Offbeat: महाभारत के वो श्राप जिनकी आज भी होती है चर्चा, स्त्रियों से जुड़ा ये श्राप जानकर तो आपके भी उड़ जाएंगे होश

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हिन्दू धर्म ग्रंथो में कई श्रापों के बारे में जानकारी दी गई है और प्रत्येक श्राप का कोई न कोई कारण है। कुछ श्राप में संसार की भलाई निहित थी तो कुछ में उनके पीछे छिपी कथाओ में महत्वपूर्ण भूमिका थी। ठीक उसी तरह महाभारत में भी कई श्रापों का जिक्र हैं और उन्ही के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। इनकी चर्चा आज भी होती है।
युधिष्ठिर ने स्त्रियों को श्राप दिया था। ये श्राप उन्होंने तब दिया जब माता कुंती कर्ण का वध होने के बाद विलाप करने पहुंची। तब स्तब्ध युधिष्ठिर ने पूरी कहानी सुनने के बाद संपूर्ण नारी जाति को ये श्राप दिया कि वे कभी कोई बात अपने मन में नहीं रख पाएगी या किसी रहस्य को छिपा नहीं पाएगी।
ऋषि श्रृंगी ने एक बार अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित को एक घातक श्राप दिया था। यह श्राप एक अनादरपूर्ण कृत्य का परिणाम था - राजा परीक्षित ने श्रृंगी के पिता, महान ऋषि शमीक का अपमान किया था, जब ऋषि ध्यान में लीन थे, तब उन्होंने उनके गले में एक मरा हुआ साँप डाल दिया था।
अपने पिता के इस अपमान से बेहद क्रोधित होकर ऋषि श्रृंगी ने राजा परीक्षित को श्राप देते हुए कहा:"सात दिनों के भीतर, तुम सर्प राजा तक्षक के काटने से मर जाओगे।" इस श्राप ने अंततः भागवत पुराण में प्रकट होने वाली महान घटनाओं के लिए मंच तैयार किया, जिसमें राजा की आध्यात्मिक ज्ञान की खोज और ऋषि शुकदेव द्वारा श्रीमद्भागवतम का पाठ शामिल है।
श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा को श्राप दिया था कि तुम तीन हज़ार वर्ष तक इस पृथ्वी पर भटकते रहोगे और किसी भी इंसान के साथ बातचीत नहीं कर पाओगे। मान्यताओं के अनुसार, अश्वत्थामा आज भी इस दुनिया में मौजूद है और सभी से छिपे हुए हैं।
उर्वशी ने अर्जुन को श्राप दिया था। . महाभारत के समय में अर्जुन दिव्यास्त्र पाने के लिए स्वर्ग लोक गए तब उर्वशी नाम की एक अप्सरा को उनसे प्यार हो गया। जब उर्वशी ने ये बात अर्जुन को कही तो उन्होंने उर्वशी को अपनी मां के समान बताया। इसलिए उर्वशी को बेहद क्रोध आया और अर्जुन को सदैव नपुंसक रहने का श्राप दे दिया। अपने श्राप में उर्वशी ने कहा कि तुम नपुंसक बन जाओगे और स्त्रियों के बीच तुम्हें नर्तक बन कर रहोगे।
उर्वशी की बात से अर्जुन घबरा गए उन्होंने यह बात भगवान इंद्र को बताई। इस पर इंद्र ने कहा कि तुम्हे चिंता करने की जरूरत नहीं ये श्राप केवल एक वर्ष का होगा और वनवास के दौरान तुम्हारे बेहद काम आएगा। वाकई में अर्जुन को वनवास के दौरान अपनी पहचान छुपाने और कौरवों से बचने के लिए नर्तकी का रूप धारण करना पड़ा।