Offbeat: किसी स्वर्ग की अप्सरा से कम नहीं थी ताड़का, इस ऋषि के श्राप के कारण मिला कुरूप रूप

ताड़का के बारे में अपने आज तक कई बार सुना होगा। उसका वर्णन आपने एक राक्षसी के रूप में सुना होगा। लेकिन रामायण की कथा के अनुसार, ताड़का एक सुंदर और शक्तिशाली स्त्री थी, जो पहले यक्ष कुल की थी।
जानकारी के लिए बता दें कि उसका विवाह सुकेतु या सुंद नामक यक्ष से हुआ था और वह सुंदरता के मामले में किसी अप्सरा से कम नहीं थी।
सुंद व ताड़का के दो पुत्र हुए और उनका नाम सुबाहु व मारीच था। सुंद राक्षस प्रवत्ति का होने के कारण ऋषि मुनियों को बेहद परेशान करता था। अपनी इसी प्रवृति के कारण उसने एक बार महान ऋषि अगस्त्य मुनि के आश्रम पर आक्रमण कर दिया।
अगस्त्य मुनि ने इसके बाद सुंद को श्राप दिया और जिसकी वजह से वह वही जलकर भस्म हो गया। जब ताड़का को अपने पति की मृत्यु के बारे में पता चला तो वह बेहद क्रोधित हो गई और ऋषि अगस्त्य मुनि को मारने पहुंच गई।
अगस्त्य ऋषि ताड़का के महिला होने के कारण उसे मारना नहीं चाहते थे इसलिये उन्होंने बिना उसका वध किये उसे परास्त किया व साथ ही उसे श्राप दिया कि वह सुंदर स्त्री से अत्यंत कुरूप महिला बन जाएगी।
भगवान राम ने जब ताड़का का वध किया तब उसे अगस्त्य मुनि के श्राप से मुक्ति मिली।