Offbeat: मुग़ल हरम में सिर्फ इन 2 मर्दों को ही मिलता था प्रवेश, होते थे ऐसे-ऐसे काम जानकर उड़ जाएंगे होश

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PC: TV9 Bharatvarsh

मुगल हरम सिर्फ बादशाह की पत्नियों और रखैलों के लिए एकांत जगह से कहीं ज़्यादा था - यह सत्ता, राजनीति और संस्कृति का केंद्र था। अक्सर इसे भोग-विलास की जगह समझ लिया जाता है, इसकी एक जटिल सामाजिक और राजनीतिक संरचना थी।

हरम में कौन रहता था?

हरम में बादशाह की रानियाँ, रखैलें, नौकरानियाँ और परिचारिकाएँ रहती थीं, कभी-कभी इनकी संख्या 5,000 तक होती थी। जहाँ रानियाँ साम्राज्य की राजनीति पर प्रभाव डालती थीं, वहीं नौकरानियाँ रोज़मर्रा के कामों का प्रबंधन करती थीं।

सख्त नियम और गोपनीयता
हरम एक बेहद सुरक्षित क्षेत्र था, जहाँ बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित था। केवल दो पुरुषों की ही पहुँच थी - खुद बादशाह और हरम का चिकित्सक (वैद), जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए ज़िम्मेदार था। वैद अक्सर महिलाओं का विश्वासपात्र बन जाता था, जो उन्हें चिकित्सा और भावनात्मक राहत दोनों प्रदान करता था।

प्रभाव का केंद्र
हरम सिर्फ़ विलासिता का ठिकाना नहीं था, बल्कि राजनीतिक चालबाज़ियों में भी अहम भूमिका निभाता था। रानियों ने शाही निर्णयों को आकार देने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और यहां तक ​​कि शाही उत्तराधिकार को भी प्रभावित किया।

सांस्कृतिक और कलात्मक प्रभाव
हरम ने कला, संगीत और साहित्य को भी बढ़ावा दिया। महिलाओं को सम्राट का मनोरंजन करने के लिए विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया जाता था और उनके सांस्कृतिक योगदान ने मुगल समाज को समृद्ध किया।

विलासिता के पर्दे से परे
अपनी भव्यता के बावजूद, हरम अलगाव और छिपे हुए संघर्षों की दुनिया थी। यह इतिहासकारों के लिए एक आकर्षक विषय बना हुआ है, जो शाही मुखौटे के पीछे की शक्ति गतिशीलता, भावनाओं और चुनौतियों को उजागर करता है।

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