Offbeat: मरने के बाद आत्मा कैसे बनती है भूत? क्या है अधूरी इच्छाओं का दर्दनाक अंत, जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

s

भूत प्रेत एक ऐसा विषय पर जिस पर लोगों की राय अलग अलग हो सकती है। इस विषय पर बहस लंबे समय से चली आ रही है। कुछ लोग इन सब बातों में विश्वास नहीं करते हैं जबकि कई लोग आत्माओं के अस्तित्व पर विश्वास करते हैं और कई तर्क भी देते हैं। मान्यताओं के अनुसार जब कोई व्यक्ति मरता है तो उसकी आत्मा स्वर्ग या नर्क में जाती है। लेकिन कुछ आत्माएं ये प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाती और धरती पर भटकने लगती है। यह आत्मा समय के साथ भूत बन जाती है। सवाल उठता है कि ऐसा क्यों होता है? इसी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। 


अधूरी इच्छाएँ और अधूरे कर्म
ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के समय उसकी कोई इच्छा पूरी नहीं हो पाती या वह कोई महत्वपूर्ण काम अधूरा रह जाता है तो उसकी आत्मा भटकने लगती है। हिंदू धर्म में इसे ‘अतृप्त आत्मा’ कहा जाता है। उस आत्मा को तब तक मोक्ष नहीं मिलता जब तक उसकी इच्छा पूरी ना हो। 

असामयिक या दर्दनाक मौत
अगर किसी व्यक्ति की दुर्घटना, आत्महत्या या हत्या में अचानक मृत्यु हो जाती है तो भी व्यक्ति की आत्मा धरती पर भटकती रहती है। आत्माएं उस समय मृत्यु को स्वीकार नहीं कर पाती और धरती पर ही रहती है। कई बार लोगों को अपनी मौजूदगी का अहसास कराते हैं।

बदले की भावना और नकारात्मक ऊर्जा
कभी-कभी आत्माएं किसी से बदला लेने के लिए भी भूत बन जाती हैं। अगर किसी व्यक्ति जीवन में बहुत दर्द, अन्याय या अत्याचार सहता है और उसे न्याय नहीं मिलता है, तो उसकी आत्मा नकारात्मक ऊर्जा के साथ इस दुनिया में रह सकती है। ऐसे में भूतों से जुड़े डरावने किस्से अधिक सुनने को मिलते हैं। 

किसी खास जगह से लगाव
कुछ आत्माएं किसी शख्स से जुड़ी हुई होती है और मरने के बाद भी उन्हें छोड़ना नहीं चाहती। कई बार मरने वाले का किसी ख़ास जगह से लगाव भी हो सकता है।  उदाहरण के लिए, कई बार लोग सुनसान हवेलियों, पुराने किलों या सुनसान सड़कों पर भूतों को देखने का दावा करते हैं। ये जगहें उनके जीवन में बेहद  मायने रखती है इसलिए उनकी आत्माएं वहीं भटकती रहती है /
 

From Around the web