साड़ी पहन कर पुरुषों ने कर लिया महिलाओं का भेष धारण, सरकार की इस 3 लाख रुपए की योजना का लेना चाहते थे लाभ

कर्नाटक के यादगीर जिले में एक अजीबोगरीब घोटाला सामने आया है, जिसमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) योजना के तहत फर्जी दावे करने के लिए पुरुषों ने महिलाओं का भेष धारण कर लिया। आरोपी व्यक्ति, जिन्हें वास्तव में इस योजना के तहत काम करना था, वे महिला बनकर साड़ी पहनकर, सिर ढककर, राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी सेवा (NMMS) पर फर्जी उपस्थिति तस्वीरें अपलोड करके 3 लाख रुपये का लाभ लेने का नाटक कर रहे थे।
इस घोटाले ने स्थानीय लोगों में रोष पैदा कर दिया है, जो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस घोटाले ने न केवल सरकार को धोखा दिया, बल्कि वास्तविक महिला श्रमिकों से उनकी नौकरी भी छीन ली, जिसकी उन्हें सख्त जरूरत थी। स्थानीय पंचायत ने इस घोटाले के लिए ठेका श्रमिकों को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इसमें कोई भी अधिकारी शामिल नहीं था। लेकिन पंचायत विकास अधिकारी ने संबंधित कर्मचारी को निलंबित करने की जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि धोखाधड़ी वाली तस्वीरें फरवरी में पोस्ट की गई थीं, और बाद में धोखाधड़ी का पता चला। ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग ने मार्च में मनरेगा कार्यक्रम के तहत 100 दिन का रोजगार देने के लिए कार्यक्रम शुरू किए थे, ताकि मजदूरों को शहरों की ओर पलायन करने से रोका जा सके। यादगीर जिला पंचायत ने जरूरतमंद लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सभी ग्राम और तालुक पंचायतों में मांग केंद्र भी स्थापित किए थे। इस घोटाले ने मनरेगा योजना के संचालन और विनियमन की कमी को लेकर संदेह पैदा किया है। इस मामले ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिला मजदूरों की दुर्दशा को भी उजागर किया है, जिनके पास काम के दूसरे रास्ते तलाशने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जबकि जांच अभी भी चल रही है, क्षेत्र के लोग प्रशासन से न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।