Mahabharata Katha: क्या हुआ था ऐसा की महाभारत यु़द्ध के 15 साल बाद एक रात के लिए पुनर्जीवित हो गए थे योद्धा

इंटरनेट डेस्क। महाभारत के युद्ध के बारे में हर किसी को पता हैं, इसके बारे में आपने पढ़ा होगा और नहीं तो टीवी पर देखा होगा। यह एक ऐसा संग्राम था जिसने इतिहास के पन्नों को रक्तरंजित कर दिया। इस युद्ध के 15 साल बाद एक अद्भुत घटना घटी थी। महर्षि वेदव्यास ने अपनी दिव्य शक्ति से कुरुक्षेत्र की रणभूमि को एक रात के लिए पुनर्जीवित कर दिया था। कहा जाता हैं कि बिछड़े योद्धा जो काल के गाल में समा चुके थे वो एक बार फिर पुनर्जीवित हो गए थे।
क्या हुआ था रात में
खबरों की माने तो यह एक अद्भुत रात थी जिसमें प्रेम और करुणा का सागर उमड़ आया। माताएं अपने पुत्रों से लिपटकर रोईं पत्नियां अपने पतियों के चरणों में गिर पड़ीं, भाई-भाई के गले मिलकर लिपट गए।
दुर्याेधन भी हुआ शर्मिंदा
इस पुनर्मिलन के अवसर पर दुर्याेधन भी अपनी अंतरात्मा से साक्षात्कार करने के लिए उपस्थित हुआ। उसने द्रौपदी से मिलकर अपने कुकर्मों के लिए क्षमा मांगी। दुर्याेधन ने कहा, “हे देवी, मैंने अपने जीवन में तुम्हारे साथ बहुत बुरा व्यवहार किया, तुम्हारा अपमान करने के लिए मैं अभी तक लज्जित हूं लेकिन यह द्वेष, ईर्ष्या सब जीवन तक ही थी। दुर्याेधन के यह शब्द हर मनुष्य के जीवन का अंतिम सत्य हैं।
क्या सिखाती हैं रात
यह महाभारत की रात हमें सिखाती है कि जीवन कितना अनमोल है, हमें इसे प्रेम, सद्भाव और भाईचारे के साथ जीना चाहिए, हमें अपने अहंकार और द्वेष को त्यागकर दूसरों के साथ मिलकर रहना चाहिए, यही जीवन का सच्चा सार है।
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