ITR फाइलिंग अलर्ट: आज ही पूरा करें ये जरूरी काम, वरना देना पड़ सकता है ज्यादा टैक्स!

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आर्थिक वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो चुकी है और इसी के साथ नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स बचाने की तैयारियाँ भी शुरू हो गई हैं। हर नए फाइनेंशियल ईयर की तरह इस बार भी सबसे अहम काम है – इनकम टैक्स सिस्टम का चयन करना और निवेश की घोषणा (Investment Declaration) करना। यह काम जितना आसान दिखता है, उतना ही जरूरी भी है, क्योंकि अगर इसमें देरी हुई तो जेब पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ पड़ सकता है।

क्यों जरूरी है समय पर टैक्स सिस्टम चुनना?

सरकार ने इस साल नए टैक्स सिस्टम में कई बदलाव किए हैं, जिनका लाभ उठाने के लिए आपको पहले से तैयारी करनी होगी। वित्त वर्ष 2025-26 से नए टैक्स सिस्टम में 4 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री कर दी गई है। यदि आपकी टैक्सेबल इनकम 12 लाख रुपये से कम है और आपने बहुत सारे निवेश नहीं किए हैं, तो नया टैक्स सिस्टम आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें टैक्स स्लैब कम दरों पर निर्धारित हैं।

HR ने भेजे इनवेस्टमेंट डिक्लेरेशन मेल

कई कंपनियों की HR टीमें अपने कर्मचारियों को इनवेस्टमेंट डिक्लेरेशन फॉर्म भेज चुकी हैं। इस फॉर्म में आपको यह चुनना होता है कि आप पुराना टैक्स सिस्टम अपनाना चाहते हैं या नया। अगर आप पुराने टैक्स सिस्टम को चुनते हैं, तो आपको यह भी बताना होगा कि इस साल आप किस स्कीम में कितना निवेश करने वाले हैं। आपकी सैलरी से TDS उसी आधार पर कटेगा।

समय रहते लें फैसला, वरना नुकसान तय

यदि आपने तय समय-सीमा के भीतर टैक्स सिस्टम नहीं चुना तो कंपनी स्वतः ही आपको नए टैक्स सिस्टम में डाल देगी। ऐसे में अगर आपने पुराने टैक्स सिस्टम का चुनाव किया था लेकिन इनवेस्टमेंट डिक्लेरेशन नहीं दिया, तो आपकी सैलरी से ज्यादा टैक्स कटौती हो सकती है।

गलती हो जाए तो चिंता न करें

अगर आपने गलती से पुराने टैक्स सिस्टम को चुन लिया और आपकी ज्यादा इनकम टैक्स कट गई, तो घबराने की जरूरत नहीं है। ITR फाइल करते समय आप टैक्स सिस्टम बदल सकते हैं। ऐसे में अगर आपने नया टैक्स सिस्टम चुना तो आपको जो अतिरिक्त टैक्स कट गया है, वह रिफंड के रूप में वापस मिल जाएगा।

समय की बचत और टैक्स की बचत – दोनों संभव

इस प्रक्रिया में आपके कुछ ही मिनट लगेंगे लेकिन इससे सालभर के लिए टैक्स की बड़ी बचत हो सकती है। इसलिए आज ही HR द्वारा भेजे गए मेल की जांच करें, टैक्स सिस्टम का चुनाव करें और निवेश की योजना तय करें।

अगर आप चाहते हैं कि आपकी सैलरी से जरूरत से ज्यादा टैक्स न कटे और साल के अंत में रिफंड का झंझट भी न हो, तो आज ही टैक्स सिस्टम का चयन करें और निवेश की घोषणा पूरी करें। कुछ मिनटों का यह काम आपको हजारों रुपये की टैक्स बचत दिला सकता है।

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