Rochak news : इस गांव में है बैल का मंदिर...21 साल पहले पुलिस की गोलियों से बचाई थी ग्रामीणों की जान

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लगभग 21 साल पहले हरियाणा के जींद में एक आंदोलन हुआ था. बता दे की, एक बैल ने किसानों की काफी मदद की. कंडेला में किसान बिजली बिल माफ कराने को लेकर सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. तब ये बैल किसानों का समर्थन करता था. पुलिस को देखकर सांड इतना परेशान हो गया कि पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे की, हरियाणा के इतिहास में किसानों के विरोध प्रदर्शन को 'कंडेला कांड' के नाम से जाना जाता है. 2002 में हरियाणा में चौटाला सरकार थी. इस गांव में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस ने फायरिंग की थी. कंडेला गांव के ग्रामीणों का कहना है कि जब घोड़े पर सवार पुलिस उन पर हावी हो रही थी तो सांड ने पुलिस का पीछा करना शुरू कर दिया.

बीमारी से मर गया

बीमारी के कारण इस घटना के कुछ दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद गांव वालों ने उस बैल के प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए एक मंदिर बनवाया। आज इस मंदिर में न सिर्फ आम लोगों बल्कि राजनेताओं का भी तांता लगा रहता है और सभी बैल की पूजा करते हैं।

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कंडेला की मृत्यु नहीं हुई

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, कंडेला गांव में आंदोलन का मंच तैयार किया गया. जिस पर सरकार ने कंडेला समेत पांच गांवों की मुख्य लाइन बिजली घर से काट दी। लोगों ने सड़क जाम कर दिया. इसके बाद कंडेला में गोलीबारी हुई, मगर कोई हताहत नहीं हुआ। इसके बाद नगुरां और गुलकनी गांवों में गोलीबारी हुई। जिसमें आठ किसानों की मौत हो गई. जिसके बाद आंदोलन तेज हो गया. किसानों ने कई अधिकारियों को बंधक बना लिया.

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लोग आज आशीर्वाद लेते हैं

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, जब पुलिस ने ग्रामीणों पर फायरिंग की तो सांड ने आगे बढ़कर पुलिसवालों को खदेड़ दिया और कई लोगों की जान बचाई. इससे बैल का सम्मान बहुत बढ़ गया. ग्रामीणों ने बताया कि आज गांव के सभी लोग रेत यानी खागड़ के मंदिर में जाकर आशीर्वाद लेते हैं.

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