Rochak news : दुनिया का एकमात्र आदमी, जिसने जीवन में कभी लड़कियों को नहीं देखा, 82 साल की उम्र में कुंवारा ही मर गया!
स्त्री और पुरुष को प्रकृति ने इस तरह बनाया है कि वे एक-दूसरे के पूरक हैं और उनके मिलन से ही मानव सभ्यता आगे बढ़ सकती है। बता दे की, किसी भी उम्र का व्यक्ति किसी न किसी तरह विपरीत लिंग के व्यक्ति से जुड़ ही जाता है। चाहे वे मां-बेटे हों, पति-पत्नी हों, भाई-बहन हों, दोस्त हों या ऑफिस के सहकर्मी हों। बता दे की, दुनिया में एक शख्स ऐसा भी है जिसने अपनी पूरी जिंदगी में कभी किसी महिला को नहीं देखा। वह नहीं जानता था कि लड़कियाँ असल में कैसी दिखती हैं। उनकी वृद्धावस्था में मृत्यु हो गई, मगर वे लड़कियों से अछूते रहे। ये कहानी उसी शख्स के बारे में है.
वर्ष 1856 में ग्रीस के हल्किडिकी में एक व्यक्ति का जन्म हुआ था। उसका नाम मिहेलो टोलोटोस था। जन्म के कुछ समय बाद ही टोलोटोस की माँ का निधन हो गया। बता दे की, उनके पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उनकी मां के निधन के बाद, उन्हें ग्रीस में माउंट एथोस पर रहने वाले रूढ़िवादी भिक्षुओं ने गोद ले लिया था। उन्होंने उसका पालन-पोषण किया और साधु बना दिया।
साधु बन गया
बता दे की, भिक्षुओं के नियम थे जिनका टोलोटो को पालन करना होता था। इनमें से एक नियम यह था कि लड़कियों को उनके मठ में प्रवेश की अनुमति नहीं थी। उस पर्वत पर रहने वाले भिक्षुओं की 10वीं शताब्दी से ही यह मान्यता थी कि लड़कियां और घरेलू जानवर पर्वत पर नहीं आ सकते। इस नियम के पीछे का कारण यह सुनिश्चित करना था कि माउंट एथोस के सभी मठों में रहने वाले भिक्षु आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन कर सकें जो उनके लिए आवश्यक माना जाता था।
82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया
टोलोटोस इस नियम को तोड़ सकता था और लड़कियों से मिल सकता था, मगर उसने अपना शेष जीवन माउंट एथोस पर रहना चुना। 1938 में 82 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। मगर उस आदमी ने अपनी मृत्यु तक कभी लड़कियों को नहीं देखा। बता दे की, उस व्यक्ति को माउंट एथोस पर रहने वाले सभी भिक्षुओं द्वारा एक विशेष अंतिम संस्कार के साथ दफनाया गया था। उसका मानना था कि वह दुनिया का एकमात्र व्यक्ति था जो यह जाने बिना मर गया कि एक महिला कैसी दिखती थी।