Rochak news : अनोखा है राजस्थान की इस पंचायत का इतिहास, 25 साल से नहीं हुआ कोई पुलिस केस

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भारत राजशाही नहीं बल्कि लोकतंत्र है. बता दें कि, आज के भारत में लोग सर्वोपरि हैं। आज आपको जनता द्वारा चुने गए एक ऐसे सरपंच के बारे में जानकारी देंगे, जिसे जनता ने पांच बार सरपंच बनाया। खींवासर के सरपंच प्रेमसिंह भाटी एक ऐसे सरपंच थे जिनकी कहानियां आज भी खींवासर के लोगों को याद हैं।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ऐसे व्यक्तित्व, जिनकी न्याय व्यवस्था और जनता के प्रति परोपकारी भावना और जनता के लिए जीने वाले व्यक्ति, खींवसर के पूर्व सरपंच स्वर्गीय प्रेमसिंह भाटी का नाम लोगों की जुबान पर है। जनता और न्याय व्यवस्था के प्रति अपने लगाव के कारण उन्होंने जनता के हित में कार्य किये।

23 अगस्त 1933 को प्रेम सिंह भाटी का जन्म हुआ था। बता दें कि, उनका जीवन सदैव लोगों के लिए समर्पित था। भाटी सरपंच बनने से पहले खींवसर के किले में नौकरी करते थे। चुनाव के समय भाटी हमेशा हार और पगड़ी पहनाकर प्रतिद्वंद्वी का स्वागत और सम्मान करते हैं। 24 जून 1991 को उनका निधन हो गया। देवी सिंह भाटी का कार्यकाल 1965 से 1990 तक रहा.

वे जातिगत भेदभाव से ऊपर उठकर न्याय करते थे

प्रेम सिंह भाटी अपनी न्यायप्रियता के लिए जाने जाते थे. उन्होंने कभी भी जाति के आधार पर फैसला नहीं किया. बता दें कि, यदि किन्हीं दो पक्षों के बीच झगड़ा हो जाता था तो वह दोनों पक्षों को अपने सामने बैठाकर निर्णय करते थे। जिसके अलावा दोषी को सजा भी सुनाई गई. व्यक्ति जिस प्रकार का अपराध करता था उसी के अनुसार वे सजा देते थे।

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25 साल से एक भी पुलिस केस नहीं हुआ

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, प्रेमसिंह भाटी की न्यायप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खींवासर की जनता ने प्रेमसिंह को पांच बार सरपंच चुना और उनके कार्यकाल में एक भी पुलिस केस नहीं हुआ।

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