Rochak news : न ईट और न ही सीमेंट....12वीं सदी का यह तीन मंजिला मंदिर 108 पिलरों पर है खड़ा, भूकंप भी यहां बेअसर

शिव भक्तों के लिए सावन का महीना भगवान शिव के मंदिरों में दर्शन का महत्व बढ़ जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो एक हजार साल पुराना है। बता दे की, यह बिना सीमेंट और ईंटों के 108 खंभों पर बना है। यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बनाया गया है। इस मंदिर का नाम देवसोमनाथ है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की, देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर के देव गांव में सोम नदी के तट पर स्थित है। इस मंदिर की कलाकृति इतनी अनोखी है कि मंदिर पर भूकंप आना भी अनुचित है। मंदिर का नाम गांव के देवता और यहां से निकलने वाली सोमा नदी के नाम पर देव सोमनाथ है। इस मंदिर में हजारों साल से भी अधिक पुराने शिवलिंग की पूजा की जाती है। इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा अमृतपाल देव ने करवाया था। कुछ लोगों का कहना है कि यह मंदिर चूहों द्वारा एक ही रात में बनाया गया मंदिर है।
यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ मंदिर के समान माना जाता है।
डूंगरपुर से 20 किमी दूर स्थित शिव मंदिर में दो स्वयंभू शिवलिंगों सहित अन्य देवी-देवता हैं। बता दे की, यह स्थान वास्तुकला का उदाहरण है। यह मंदिर देव गाँव से होकर गुजरने वाली सोमा नदी के तट पर स्थित है, इसलिए इसका नाम देव सोमनाथ पड़ा। वर्तमान में मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग के पास है।
यह मंदिर 108 स्तंभों पर खड़ा है
आपकी जानकारी के लिए बता दे की, कुल 108 खंभों पर खड़े इस तीन मंजिला मंदिर की कलाकृति अद्वितीय है। प्रत्येक स्तंभ पर सुंदर नक्काशी की गई है। चूने और गारे से बने इन स्तंभों में पत्थरों को जोड़ने के लिए कोई रसायन नहीं मिलाया गया है। जो भूकंप के झटकों में भी उनका साथ नहीं छोड़ते. उनका यह गुण इतिहासकारों के लिए बहस का विषय बना हुआ है।