Rochak news : क्या भारत में कोई ऐसी जगह है जहां निर्माण कार्य के लिए ब्रिटिश सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है?
1947 में जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली तो देश पूरी तरह आजाद हो गया। बता दे की, देश को आजाद कराने में अनेक वीरों ने योगदान दिया। जब आज़ादी मिली तो देश अपने फैसले लेने के लिए पूरी तरह आज़ाद था। आज भी हम फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं, मगर सोशल मीडिया पर ऐसी चर्चा है कि भारत में एक जगह ऐसी भी है, जहां निर्माण कार्य के लिए ब्रिटिश सरकार की इजाजत लेनी पड़ती है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अक्सर दिलचस्प सवाल पूछे जाते हैं। अक्सर या तो प्रश्न गलत होते हैं, या उत्तर गलत होते हैं। ऐसे में उन सवालों या जवाबों की पुष्टि नहीं की जा सकती. कुछ समय पहले किसी ने एक प्रश्न पूछा था - "भारत में वह कौन सी जगह है जहाँ आज भी निर्माण कार्य से पहले ब्रिटिश सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है?" बता दे की, अब चूँकि देश आज़ाद है तो हम इस पर पूरी तरह से टिप्पणी नहीं कर सकते कि ये सवाल सच है या नहीं.
कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान क्या है?
आखिर किस युद्ध कब्रिस्तान की चर्चा हो रही है। बता दे की, कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन एक छह सदस्यीय अंतरसरकारी संगठन है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं। जो लोग युद्ध में मारे गए हैं उन्हें हमेशा याद रखा जाए। इसका मुख्यालय यूके में है।
बता दे की, यही संगठन उन कब्रिस्तानों की देखरेख करता है जहां प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों को दफनाया गया है। नागालैंड के कोहिमा में विश्व युद्ध से जुड़ा एक कब्रिस्तान भी है जिसे कोहिमा युद्ध कब्रिस्तान कहा जाता है।