Rochak news : यहां दाल-चावल की तरह खाया जाता है ड्रग्स! इसका सेवन बच्चों से लेकर बूढ़े तक करते हैं !>

Rochak news : यहां दाल-चावल की तरह खाया जाता है ड्रग्स! इसका सेवन बच्चों से लेकर बूढ़े तक करते हैं !

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एक ऐसा देश पापुआ न्यू गिनी है जो अपनी सभ्यता और संस्कृति के लिए बहुत मशहूर है। बता दे की, इस देश में कई ऐसी मान्यताएं हैं जो हैरान करने वाली हैं और दुनिया उनके बारे में जानना चाहती है। मगर जब आप इस देश की सड़कों पर निकलेंगे तो आपको ज्यादातर लोगों के चेहरे लाल नजर आएंगे. यह लाल मुँह उन्हें अपने पूर्वजों से विरासत में मिला है, बल्कि यह एक प्रकार के भोजन का परिणाम है जिसे दुनिया में दवाओं का एक रूप माना जाता है। ये दवाएं आपको भारत की सड़क दुकानों पर आसानी से मिल जाएंगी। हमारे देश में भी कई लोग इसे पसंद करते हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे की, पापुआ न्यू गिनी में लोग बीटल नट यानी पान सुपाड़ी खाने के आदी हैं। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और ऑस्ट्रेलिया के अल्कोहल एंड ड्रग्स फाउंडेशन ने इसे एक प्रकार की उत्तेजक दवा बताया है जो दिमाग और शरीर के बीच स्थापित संचार चैनलों को और तेज करती है।

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यहां बच्चों से लेकर बड़े तक लोग सुपारी खाते हैं

इतनी अधिक मात्रा में इस देश में सुपाड़ी के सेवन से मुंह के कैंसर का खतरा भी बढ़ रहा है। एक समय था जब यहां सुपाड़ी का प्रयोग केवल पवित्र त्योहारों पर ही किया जाता था। मगर अब आधी से ज्यादा आबादी इसका सेवन करती है. बता दे की, इस दवा के कारण लोगों का मुंह लाल दिखता है। यहां 6 साल के बच्चों से लेकर 80 साल के बुजुर्ग भी सुपारी चबाते नजर आते हैं। सुपाडी को पापुआ न्यू गिनी में बुई के नाम से जाना जाता है।

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लोगों को कैंसर हो रहा है

सुपारी में सबसे महत्वपूर्ण घटक एरेकोलीन मस्तिष्क में निकोटीन की तरह काम करता है। बता दे की, यह अत्यधिक नशीला होता है और कैंसरकारी भी होता है। पापुआ न्यू गिनी में मौखिक कैंसर की दर दुनिया में सबसे अधिक है। यहां सड़कों पर सुपारी बेची जाती है और भोजन की तरह खाई जाती है। लोग इसे मुंह से छीलते हैं और अंदर की सुपारी को चबाते हैं।

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