Rochak news : इन रंगों के कपड़े पहनकर न करें यहां प्रवेश, ये है मान्यता, जानिए मंदिर का इतिहास

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एक धार्मिक स्थल नागौर है, यहां कई लोक देवी-देवताओं के मंदिर और सूफी संतों की दरगाहें हैं। इसी प्रकार नागौर में हनुमानजी और गणेशजी का मंदिर एक ही बना हुआ है। बता दे की, विक्रम संवत 1730 में नागौर में राजा बख्तावर सिंह ने नागौर में एक तालाब का निर्माण शुरू कराया था, तभी तालाब की खुदाई के दौरान भगवान गणेश और हनुमानजी दोनों की मूर्तियां एक साथ निकलीं। ऐसा प्रतीत होता है कि गजानन्दजी और हनुमानजी एक साथ उड़ रहे हैं। बता दे की, यहां के पुजारी भंवरलाल का कहना है कि यह मूर्ति तब पकड़ी गई थी जब बख्तावर सिंह ने बख्तसागर का निर्माण कराया था। तभी से यहां भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना की जाती है। यहां के चमत्कार की बात करें तो जब किसी ने मूर्ति को हटाने की कोशिश की तो वह उसे हिला नहीं सका।

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11मुखी हनुमान जी की प्रतिमा

मंदिर के पुजारी ने कहा कि यहां नवनिर्माण मंदिर में 11मुखी हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित है। बता दे की, मूर्ति में हनुमानजी को उनके 11 अवतारों में दिखाया गया है - हनुमानजी, भगवान राम, पृथ्वीमाता, भगवान सूर्य, भगवान नरसिम्हा, परशुराम, वैराह अवतार, भगवान शिव, भगवान गणेश, गुरुड़ और शेषनाग।

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इन रंग के कपड़े पहनकर मंदिर न आएं

भंवरलाल पुजारी ने कहा कि यहां गणेश जी और हनुमान जी के मंदिर के साथ सच्ची माता का मंदिर भी है, जिसमें तीन रंग के कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करना वर्जित है, जिसमें नीले, हरे और रंग के कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करना वर्जित है. बता दे की, काले वस्त्र राम दरबार को भी धातु से सजाया गया है।

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हर मनोकामना पूरी होगी

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, इस मंदिर को भाकर बालाजी/हनुमानजी के रूप में पूजा जाता है। यहां के पुजारी ने कहा कि अगर कोई भक्त सच्चे मन से पूजा करता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

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