Rochak news : बैंड-बाजे के साथ निकाली गई जिंदा शख्स की शवयात्रा, नजारा देख हैरान रह गए लोग, जानिए क्या हुआ?

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बारिश की कमी के कारण पूरे क्षेत्र में लोग तरह-तरह के टोटके और बचाव में लगे हुए हैं. बता दे की, सर्व समाज द्वारा प्रार्थना रैली निकाली गई। गधे को गुलाब जामुन खिलाने के सीन भी सामने आए थे, मगर अब एक और हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है. इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए बैंड-बाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ एक जीवित व्यक्ति की शवयात्रा निकाली गई। इस बार जिले में मानसून की स्थिति बेहद खराब नजर आ रही है। बरसात के दो माह बीतने के बाद भी जिले में औसत बारिश का आधा कोटा भी पूरा नहीं हो सका है।

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चैतन्य सिंह जीते जी धरती पर लेट गये

बता दे की, धार्मिक मान्यता है कि अगर किसी जीवित व्यक्ति का शव बाहर निकाला जाए तो बारिश हो सकती है। यह देखकर चैतन्य सिंह राजपूत नाम के व्यक्ति ने जीवित रहते हुए ही अपनी अंतिम यात्रा निकाली।

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रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया

सब कुछ शहर में ठीक चल रहा था कि रविवार को अचानक गांधी चौराहे पर एक शव वाहन रुका। बता दे की, कुछ देर बाद बैंड बाजा और ढोल भी यहां पहुंच जाते हैं। अंतिम संस्कार से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं. कुछ लोग जीवित व्यक्ति चैतन्य सिंह राजपूत को उठाकर धरती पर लिटा देते हैं। जुलूस गांधी चौक से प्रारंभ होकर नेहरू बस स्टैंड, भारत माता चौक, घंटाघर शुक्ला चौक होते हुए गणपति चौक पर समाप्त हुआ। जीवित व्यक्ति की इस शवयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. यदि शवयात्रा से इंद्र देवता प्रसन्न होंगे और बादल बरसेंगे तो इलाके के लोगों को राहत मिलेगी. चैतन्य सिंह राजपूत मुस्लिम समुदाय से थे, उन्होंने एक साल पहले ही सनातन धर्म अपनाया था.

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शवयात्रा को लेकर दिया गया धार्मिक मान्यता का हवाला

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, इस संबंध में चैतन्य सिंह राजपूत ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में बारिश कम होती है और धार्मिक मान्यता है कि अगर किसी जीवित व्यक्ति का शव बाहर निकाला जाए तो बारिश होगी. ऐसा कई जगहों पर हुआ है. पहले भी. मेरे जीते जी एक शवयात्रा निकाली गई थी और प्रार्थना की गई थी कि हमारे इलाके में खूब बारिश हो.

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