Garud Puran: अंतिम संस्कार के बाद श्मशान से आते समय पीछे मुड़ कर क्यों नहीं देखना चाहिए? यहाँ जानें कारण

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इस संसार में जो जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है और इस जन्म मृत्यु के चक्र को कोई बदल नहीं सकता है और ना ही इस से कोई बच सकता है। किसी की मृत्यु के बाद हिंदू धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा नया जीवन प्राप्त करती है, इसलिए अंतिम संस्कार को आत्मा की अगली यात्रा के लिए आवश्यक संस्कार कहा गया है। इस दौरान कई नियमों का पालन भी किया जाता है। जिनमे से एक है अंतिम संस्कार कर के आने के बाद पीछे मुड़ कर ना देखना। आइए इसके कारण के बारे में जानते हैं।
पीछे मुड़ कर देखना क्यों है अशुभ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब किसी का अंतिम संस्कार किया जाता है तो उस समय उसकी आत्मा वहीं मौजूद रहती है और अपनों से उसका मोह नहीं छूटता है। इसलिए जब अंतिम संस्कार के बाद परिजन पीछे मुड़ कर देखते हैं तो आत्मा को लगता है कि परिजन अभी भी उसके मोह में है और से बुला रहे हैं। इससे आत्मा अपनी अगली यात्रा पर नहीं जा पाती। इसलिए शमसान से आते वक्त पीछे मुड़ कर नहीं देखा जाता है।
अगर गलती से पीछे मुड़कर देख लिया हो तो क्या करें?
यदि किसी कारणवश आपने श्मसान से आते वक्त पीछे मुड़ कर देख लिया तो घर पहुंचने के बाद सबसे पहले अग्नि के पास जाकर हाथ-पैर सेंकें और उसके बाद पत्थर, लोहा और जल का स्पर्श करें. फिर एक पत्थर लेकर उसे अपने पीछे की ओर फेंक दें और पानी का हल्का छिड़काव करें. इसके बाद कुछ नीम की पत्तियां या हरी मिर्च चबाकर थूक दें. माना जाता है कि यह उपाय नकारात्मक शक्तियों को दूर करता है. अंत में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
