Child Birth in Toilet: जांच के दौरान महिला के गर्भ से बच्चा था गायब, तलाशी के दौरान टॉयलेट के कमोड में मिला...

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PC: bhaskar

बच्चे का जन्म एक माँ के जीवन की सबसे खुशी की घटना होती है। क्योंकि बच्चे की गर्भनाल उससे जुड़ी होती है। उसने 9 महीने तक बच्चे को अपने गर्भ में पाला है। अगर बच्चे का जन्म उसकी जानकारी के बिना हो जाए तो क्या होगा? ऐसी ही एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।


छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर की 30 वर्षीय रमपतिबाई सात महीने की गर्भवती थीं। 13 नवंबर को उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इसके बाद उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें तुरंत एमसीएच में स्थानांतरित कर दिया गया। इलाज के दौरान, शनिवार सुबह वह वार्ड के शौचालय में गईं और अचानक वहीं बच्चे को जन्म दे दिया। बच्चा कमोड में फंस गया, जिससे अस्पताल में हड़कंप मच गया।

महिला डर गई
शौचालय से लौटने के बाद, रमपतिबाई को अपने पेट में बच्चे की हलचल महसूस नहीं हुई। उन्होंने डरकर नर्सों को बताया। जाँच के दौरान, डॉक्टरों ने पाया कि बच्ची प्रसव पीड़ा में थी और उसका पेट खाली था। जब डॉक्टर ने महिला से इस बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वह कुछ देर पहले शौचालय गई थी। इसके बाद, नर्सों ने तुरंत शौचालय की जाँच की। तभी उन्हें एक नवजात शिशु शौचालय में फंसा हुआ मिला। यह सुनकर परिवार और स्टाफ के लोग दंग रह गए।

शौचालय तोड़कर बच्चे को बचाया गया
नर्सों ने तुरंत सफाई पर्यवेक्षक आशीष को बुलाया। उन्होंने सफाई कर्मचारियों को निर्देश दिया और शौचालय तोड़कर बच्चे को बाहर निकाला। चूँकि बच्चा सात महीने का था, वह कमज़ोर था। उसे तुरंत एसएनसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया।

बच्चे की हालत कैसी है?
जब बच्चे को शौचालय से बाहर निकाला गया, तो उसका शरीर नीला पड़ गया था और उसकी हृदय गति बहुत कम थी। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जे.के. रेलवानी के मार्गदर्शन में विशेष निगरानी चल रही है। फ़िलहाल, बच्चे की हालत में कुछ सुधार है, लेकिन पूरी तरह ठीक होने के लिए निरंतर उपचार और निगरानी ज़रूरी है। डॉक्टर ने कहा कि समय पर मदद मिलने से बच्चे के बचने की संभावना बढ़ गई है।

अस्पताल की ज़िम्मेदारी
इस घटना ने अस्पताल में रखरखाव की कमी का मुद्दा उठाया है। यह गर्भवती महिलाओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित शौचालयों की आवश्यकता को रेखांकित करता है। रमपतिबाई और उनका परिवार इस घटना से उबर नहीं पाया। लेकिन बच्चे के स्वस्थ होने से उन्हें थोड़ी राहत मिली है। अस्पताल प्रशासन नागरिकों से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष सावधानी बरतने की माँग कर रहा है।

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