वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में इस जगह पर पानी नहीं रखना चाहिए

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वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय दिशा का उपासक अग्नि है। इस दिशा का स्वामी शुक्र है। इस दिशा में पूर्व और दक्षिण शामिल हैं। इस दिशा में सूर्य की किरणें अधिक पड़ती हैं। इसलिए यह दिशा अन्य दिशाओं की तुलना में अधिक गर्म है। 
 
वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा अग्नि से संबंधित कार्यों के लिए मानी जाती है। रसोईघर, बिजली के उपकरण, इनवर्टर, गर्म पानी की भट्टी और बॉयलर को दक्षिण पूर्व दिशा में रखना सर्वोत्तम होता है। 
 
शुक्र द्वारा शासित होने के कारण यह दिशा महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालती है। इस दिशा में ड्रेसिंग रूम और कॉस्मेटिक रूम बनाना भी शुभ होता है। 

आग्नेय कोण बार बनाने के लिए भी शुभ है। यह दिशा रसोईघर के लिए अधिक उपयुक्त होती है। क्योंकि अग्नि से संबंधित वस्तुएं आग्नेय कोण में रखना लाभकारी होता है।

लेकिन कभी भी दक्षिण पूर्व कोने में पानी न रखें। बोरिंग, नल, हैंडपंप व पानी टंकी भी उपयुक्त नहीं है। ऐसा करने से परिवार बड़ा कर्जदार बन जाता है। 
 
यदि इस दिशा में रसोईघर है, लेकिन रसोईघर को एक भाग मानकर गैस चूल्हा, ओवन, खाने-पीने का सामान रखने के लिए अलमारी या सिंक और रेफ्रिजरेटर की व्यवस्था वास्तु के अनुसार करनी चाहिए। 
 
रसोईघर में उत्तर-पूर्व में पीने के पानी की व्यवस्था कर सकते हैं या आरओ लगा सकते हैं।

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