कुछ इस तरह का है नैनीताल का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क कार्बेट टाइगर रिजर्व का एक हिस्सा है और उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह पार्क अपने विविध वन्य जीवन और लुभावनी परिदृश्य के लिए जाना जाता है। इस पार्क का नाम एक प्रसिद्ध ब्रिटिश शिकारी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया है। टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1288.31 वर्ग किलोमीटर है, जो उत्तराखंड के तीन जिलों (पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा) में फैला है। जिसमें से कॉर्बेट नेशनल पार्क 52 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

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इसके पहाड़ी क्षेत्र में दलदली गड्ढे, नदी, घास के मैदान और बड़ी झील शामिल हैं। यह उन गिने-चुने टाइगर रिजर्व में से एक है जहाँ रात के समय भी रुकने की अनुमति होती है। यहाँ पर्यटक जीप सफारी और हाथी की सवारी करते हुए पूरे पार्क का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं। वन्य जीव प्रेमियों को संतुष्ट करने वाले इस पार्क में 650 पक्षियों की प्रजातियाँ, रेपटरस की 50 प्रजातियाँ, रॉयल बंगाल टाईगर, हाथी, हिरन की चार-पांच प्रजातियां पर्यटकों का मुख्य आकर्षण हैं।  इस उद्यान के मनोरम दृश्यों को देखने के लिए सबसे अच्छा स्थान है 'ढिकाला घाटी' और 'कालागढ़ बाँध'।

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जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास - 
इस पार्क की स्थापना वर्ष 1936 में की गई और उस समय संयुक्त प्रांत के गवर्नर सर मैल्कम हैले के सम्मान स्वरुप पार्क का नाम हैले नेशनल पार्क रख दिया गया। 1954–55 के बीच इस पार्क का नाम बदलकर रामगंगा नेशनल पार्क रखा गया जिसे फिर से 1955–56 में बदलकर कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया। 1971 में जब भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी संरक्षण परियोजना 'प्रोजेक्ट टाइगर' का आरंभ किया तो इस क्षेत्र को उसमें शामिल कर लिया

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जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क मे क्या देखे -
जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में लगभग 200 अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। यहां पर्यटकों की सुविधा के लिए अतिथि गृह उपलब्ध हैं। पर्यटक यहाँ रात में भी घूमने जा सकते हैं।

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