क्या DA बढ़ोतरी को मिलेगी मंजूरी? सुप्रीम कोर्ट मार्च में सरकारी कर्मचारियों के मामले की करेगा सुनवाई

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पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का मामला मार्च में फिर आ सकता है। राज्य सरकार के कर्मचारी लंबे समय से महंगाई भत्ते की मांग को लेकर मुखर हैं। उनकी मांग है कि राज्य सरकार केंद्रीय दर पर महंगाई भत्ता दे, लेकिन राज्य सरकार ऐसा करने को तैयार नहीं है।

 राज्य सरकार के महंगाई भत्ते का मामला मार्च में फिर सुनवाई के लिए आ सकता है। इस मामले की पिछली सुनवाई तत्कालीन जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एनवी भट्टी की बेंच ने की थी। इस बार महंगाई भत्ते का मामला नई बेंच के सामने आ सकता है। जस्टिस हृषिकेश रॉय 31 जनवरी, 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसलिए महंगाई भत्ते के मामले की बेंच फिर बदली जाएगी।

इसलिए सुनवाई की तारीख को लेकर चिंता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनवाई मार्च में हो सकती है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि मामले की सुनवाई कौन सी बेंच करेगी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने तारीख को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया है।

हालांकि, राज्य सरकार के कर्मचारियों के वकील इस बात को लेकर आशावादी हैं कि डीए मामले की सुनवाई जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा है कि सुनवाई में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

18 नवंबर 2022 से डीए मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। बार-बार तारीख टल रही है।नतीजतन, राज्य सरकार के कर्मचारियों में डीए मामले को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती कोलकाता हाईकोर्ट ने डीए मामले में राज्य सरकार के कर्मचारियों के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन राज्य सरकार ने उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

राज्य सरकार ने बजट में ही राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए 3% डीए की घोषणा की थी। लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों का एक वर्ग इससे खुश नहीं है।केंद्र और डीए में अंतर। राज्य सरकार के कर्मचारियों ने केंद्रीय दर पर डीए की मांग की है।केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वर्तमान में 53% की दर से डीए मिल रहा है। इसलिए, डीए में अंतर वर्तमान में 35% होगा।

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