तुलसी विवाह के दिन कुंवारी लड़कियां करें ये काम, मिलेगा मनपसंद जीवनसाथी
तुलसी विवाह पर करेंगे ये काम तो मिलेगा मनपसंद जीवनसाथी
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शालिग्राम और तुलसीजी का विवाह देवउठि एकादशी के दूसरे दिन द्वादशी तिथि को किया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, द्वादशी तिथि 23 नवंबर को रात 9:01 बजे शुरू हो रही है।
सनातन धर्म में कार्तिक माह को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस माह में कई प्रमुख त्योहार भी मनाए जाते हैं, इसलिए इस माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि सभी शुभ कार्य कार्तिक माह की एकादशी तिथि से ही शुरू होते हैं। यानि कि सभी शुभ या मांगलिक कार्य देवउठी एकादशी के दूसरे दिन से ही शुरू हो जाते हैं और देवउथी एकादशी के दूसरे दिन द्वादशी तिथि पर तुलसी विवाह करना काफी धार्मिक अनुष्ठान होता है। तो आज इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि तुलसी विवाह कब होता है और ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस दिन कुछ उपाय करने से लोग जल्द ही विवाह के योग्य बन जाते हैं।
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शालिग्राम और तुलसीजी का विवाह देवउठि एकादशी के दूसरे दिन द्वादशी तिथि को किया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, द्वादशी तिथि 23 नवंबर को रात 9:01 बजे शुरू हो रही है। जो 24 नवंबर को शाम 7:06 बजे समाप्त होगा। ऐसे में तुलसी विवाह 24 नवंबर शुक्रवार को उदय तिथि के अनुसार हो रहा है।
कुंवारी कन्याओं के लिए करें ये उपाय
अगर आपके वैवाहिक जीवन में बार-बार रुकावटें आ रही हैं और आप अपना जीवनसाथी पाना चाहते हैं तो आप तुलसी विवाह के दिन कुछ खास उपाय कर सकते हैं। इसके लिए आपको तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी को लाल रंग की चुनरी चढ़ानी चाहिए। इसके बाद चुनड़ी को अगले दिन तक सुरक्षित रखना चाहिए। इस दिन ऐसा करने से तुलसी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मनचाहा जीवनसाथी भी मिलता है
** भगवान विष्णु को अर्पित करनी चाहिए ये सामग्रियां
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इतना ही नहीं इस दिन साबुत हल्दी, केसर गुड़ और चने की दाल की एक गांठ को एक पीले कपड़े में बांधना चाहिए और इन सभी सामग्रियों को भगवान विष्णु के मंदिर में ले जाकर चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति जल्द ही विवाह के योग्य बन जाता है। इसके अलावा तुलसी विवाह के दिन अखंड सौभाग्य प्राप्त करने के लिए तुलसी जी को तुलसी विवाह की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। पूजा के बाद यह सुहाग सामग्री किसी विवाहित महिला को दान कर देनी चाहिए। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।
(अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी और सुझाव ज्योतिष के सामान्य ज्ञान और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज RK इसका समर्थन नहीं करता है।)