वास्तु टिप्स फॉर डस्टबिन: इस दिशा में भूलकर भी नहीं रखना चाहिए डस्टबिन, घर में आएगी ये समस्या

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वास्तु टिप्स फॉर डस्टबिन: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कूड़ेदान को कुछ दिशाओं में बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए। इस दिशा में कूड़ादान रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में रखी हर चीज में ऊर्जा होती है। वास्तु के अनुसार जिस भी दिशा में रखा जाता है उसका भी बहुत प्रभाव पड़ता है। वास्तु में हर चीज के लिए एक खास दिशा तय की गई है। अगर वास्तु के इन नियमों का पालन न किया जाए तो घर के सदस्यों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

घर में किसी भी चीज को सही दिशा में न रखने से दुष्परिणाम हो सकते हैं। वास्तु में कूड़ेदान की एक निश्चित दिशा और स्थान भी बताया गया है। वास्तु के अनुसार अगर घर में रखा कूड़ादान सही जगह पर न हो तो इसका नकारात्मक प्रभाव परिवार के सदस्यों पर पड़ता है। घर के सदस्यों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं वास्तु के अनुसार कूड़ेदान किस दिशा में होना चाहिए।

भूलकर भी इस दिशा में कूड़ादान न रखें

वास्तु के अनुसार कूड़ेदान को एक विशेष दिशा में बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए। खासतौर पर इसे उत्तर-पूर्व दिशा में कभी न रखें। उत्तर-पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है। इस दिशा में कूड़ादान रखने से घर के सदस्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिससे घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो सकता है। इसके प्रभाव से परिवार के सदस्यों का मानसिक स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है। इसके अलावा पूर्व, दक्षिण-पूर्व और उत्तर दिशा में भी कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए। जिससे परिवार के सदस्यों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

कूड़ेदान रखने की सही दिशा

वास्तु शास्त्र में कूड़ेदान रखने की विशेष दिशा बताई गई है। वैसे तो कूड़ेदान हमेशा घर के अंदर ही होना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार इसे दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना शुभ होता है। ये दिशाएं अपशिष्ट विसर्जन के लिए उपयुक्त मानी गई हैं। वास्तु में इन दिशाओं में कूड़ादान रखना अच्छा बताया गया है। इसके अलावा कूड़ेदान को उत्तर-पश्चिम दिशा में भी रखा जा सकता है। इस दिशा में कूड़ादान रखने से वास्तुदोष नहीं होता है।

अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। यहां बता दें कि RK किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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