Vastu tips : इस दिशा में भूलकर भी न बनाएं शौचालय, रसोई और तिजोरी, नहीं तो होगा बड़ा नुकसान
ईशान कोण को वास्तु शास्त्र में बहुत महत्वपूर्ण दिशा माना गया है। ईशान कोण को उत्तर-पूर्व दिशा कहा जाता है। इस दिशा में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं बनाना चाहिए, वहीं कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें इस दिशा में रखना बेहद शुभ होता है। वास्तु शास्त्र में पूर्वोत्तर दिशा के महत्व के बारे में बता रहे हैं, साथ ही बता रहे हैं कि इस दिशा में कौन सी चीजें होनी चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।
उत्तर-पूर्व दिशा पूजा कक्ष, बालकनी, बरामदा, भूमिगत टैंक, ट्यूबवेल, स्वागत कक्ष और वर्षा जल निकासी के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है।
ईशान कोण कभी भी भारी नहीं होना चाहिए, इस दिशा में शौचालय और रसोईघर नहीं बनाना चाहिए।
बता दे की, अगर किसी कारणवश ईशान कोण से सटा हुआ रसोईघर हो तो उस घर में रहने वाले सदस्यों की पारिवारिक उन्नति में बाधा आती है।
ईशान कोण को बहुत सुंदर तरीके से रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में भगवान का वास होता है।
भगवान की गलत दिशा के कारण उन्हें सकारात्मक आभा प्राप्त करने में हानि होती है और घर के सदस्यों के बीच मनमुटाव की समस्या बनी रहती है।
उत्तर-पूर्व दिशा में तिजोरी नहीं रखनी चाहिए, अन्यथा अनावश्यक खर्च तो बढ़ता ही है साथ ही धन चोरी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
भगवान शिव उत्तर पूर्व या ईशान कोण के स्वामी हैं और इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से है।
ईशान कोण को कभी भी गोल नहीं करना चाहिए, इन कोनों को कभी भी बंद नहीं करना चाहिए।
इस दिशा में कभी भी झाड़ू या कोई भारी वस्तु न रखें। ईशान कोण पवित्र और प्रकाश समान होना चाहिए। इस कारण इन घरों में रहने वाले लोग ज्ञानी और बुद्धिमान होते हैं।
अगर गलती से भी ईशान कोण में रसोईघर का कमरा बना दिया जाए तो घर में क्लेश रहता है और धन का नाश होता है।
अगर किसी कारणवश ईशान कोण कटा या विकृत हो तो बच्चे विकृत या विकलांग पैदा हो सकते हैं। ईशान कोण में सीढ़ी बनाना भी बहुत अशुभ माना जाता है।
बता दे की, ईशान कोण में कूड़ा-कचरा रखने या पत्थर जमा करने या ऊंचा रखने से सामाजिक वैमनस्य बढ़ता है और उन्हें जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।