वास्तु दिशा: घर के मंदिर में इस दिशा में रखें भगवान का मुख तो मिलेंगे ये लाभ
प्रतिदिन सुबह और शाम वास्तु दिशा पूजा करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है। मन में नकारात्मक विचार नष्ट हो जाते हैं। इसके लिए घर में मंदिर बनाने की परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए कुछ ऐसी बातें जिनका घर के मंदिर में ध्यान रखना चाहिए...
घर में पूजा करने वाले का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो तो बहुत शुभ होता है। इसके लिए धर्मस्थल का दरवाजा पूर्व दिशा में होना चाहिए। इस दिशा के अलावा पूजा करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं।
घर में मंदिर ऐसे स्थान पर बनाएं, जहां सूरज की रोशनी जरूर पहुंचती हो, भले ही दिन में कुछ ही समय के लिए हो।
जिन घरों में सूर्य की रोशनी और ताजी हवा आती रहती है वहां कई वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। सूर्य की रोशनी वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है।
मंदिर में मृतकों और पूर्वजों की तस्वीरें लगाने से बचना चाहिए। पितरों की तस्वीरें लगाने के लिए दक्षिण दिशा सर्वोत्तम होती है। घर की दक्षिणी दीवार पर मृतकों की तस्वीरें लगाई जा सकती हैं, लेकिन मंदिर में नहीं रखनी चाहिए।
पूजा कक्ष में केवल पूजा से संबंधित सामग्री ही रखनी चाहिए। कोई अन्य वस्तु रखने से बचें.
घर के मंदिर के पास शौचालय होना भी अशुभ होता है। इसलिए पूजागृह ऐसे स्थान पर बनाना चाहिए जहां आस-पास शौचालय न हो।
प्रतिदिन सुबह-शाम घर के मंदिर में पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद घंटी अवश्य बजाएं और पूरे घर में भी एक बार घंटी बजाएं। ऐसा करने से घंटी बजाने से नकारात्मकता नष्ट होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।