Travel tips : यहाँ जानिए, देश भर के सबसे प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिरों के बारे में !

विविध संस्कृतियों और धर्मों का देश भारत अपनी समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। इस देश में पूजे जाने वाले कई देवताओं में से, भगवान कृष्ण लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी, भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन मनाई जाती है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का प्रतीक है। इस दिन, भगवान कृष्ण को समर्पित मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है जो आशीर्वाद लेने और उत्सव में भाग लेने के लिए आते हैं।
1. इस्कॉन मंदिर, वृन्दावन:
बता दे की, उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में इस्कॉन मंदिर भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। 1975 में स्थापित यह मंदिर कृष्ण भक्तों के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है। जटिल नक्काशी और जीवंत चित्रों से सुसज्जित मंदिर की वास्तुकला एक शांत और दिव्य वातावरण बनाती है। मंदिर के अंदर, राधा और कृष्ण की सुंदर मूर्तियाँ पूजा का केंद्र बिंदु हैं। भक्त राधा और कृष्ण के दिव्य प्रेम का जश्न मनाते हुए, भजन (भक्ति गीत) और नृत्य में डूब जाते हैं।
2 श्रीनाथजी मंदिर, नाथद्वारा (राजस्थान):
राजस्थान के नाथद्वारा में श्रीनाथजी मंदिर अपनी दिव्य आभा के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। 12वीं शताब्दी में बने इस मंदिर का इतिहास अद्भुत है। मंदिर में श्रीनाथजी और अन्य देवताओं की मूर्तियों को मुगल सम्राट औरंगजेब के विनाशकारी अभियानों से बचाने के लिए यहां ले जाया गया था। यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए बल्कि अपनी उत्कृष्ट मूर्तियों और कलात्मकता के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर की भव्य मूर्तियों और जटिल शिल्प कौशल को देखने के लिए भक्त और कला प्रेमी समान रूप से आते हैं।
3. बालकृष्ण मंदिर, हम्पी (कर्नाटक):
आपकी जानकारी के लिए बता दे की, कर्नाटक के ऐतिहासिक शहर हम्पी में स्थित बालकृष्ण मंदिर एक अनोखा चमत्कार है। भगवान कृष्ण की उनके बाल रूप की मूर्ति, जिसे बालकृष्ण के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर का केंद्रबिंदु है। मंदिर की जटिल पत्थर की नक्काशी और इसका ऐतिहासिक महत्व इसे इतिहास, कला और आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले यात्रियों के लिए एक अवश्य देखने लायक स्थान बनाता है।
4. उडुपी श्री कृष्ण मठ, कर्नाटक:
कर्नाटक के उडुपी में स्थित उडुपी श्री कृष्ण मठ का समृद्ध इतिहास 13वीं शताब्दी का है। बता दे की, इसकी अनूठी विशेषताओं में से एक पानी के टैंक में डूबी एक छोटी खिड़की के माध्यम से मंदिर के देवता का दर्शन है। भक्तों का मानना है कि यह पवित्र दर्शन महान आशीर्वाद लाता है। यह मंदिर अपने स्वादिष्ट प्रसादम (भोजन प्रसाद) के लिए भी जाना जाता है और स्थानीय समुदाय और आगंतुकों के लिए एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में कार्य करता है।
5. श्री रणछोड़रायजी महाराज मंदिर, गुजरात:
आपकी जानकारी के लिए बता दे की, गुजरात में गोमती नदी के तट पर स्थित, श्री रणछोड़रायजी महाराज मंदिर एक लुभावनी वास्तुशिल्प चमत्कार है। मंदिर परिसर में आठ गुंबद और 24 शिखर हैं, सभी उत्तम सोने की परत से सजाए गए हैं। मुख्य देवता, भगवान रणछोड़रायजी (भगवान कृष्ण का अवतार) के अलावा, मंदिर में देवी लक्ष्मी को समर्पित एक मंदिर भी है।