SIM card rules: 1 अप्रेल से बदलने जा रहे है ये सिम कार्ड से जुड़े नियम, तुरंत क्लिक कर जान लें

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साइबर धोखाधड़ी अब भारत सहित हर जगह एक बड़ी समस्या बन गई है। साइबर अपराध के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि के परिणामस्वरूप सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए हैं। ऐसे ही एक कानून के तहत देश के सभी दूरसंचार प्रदाताओं को उपभोक्ताओं को सिम कार्ड बेचने वाले किसी भी व्यक्ति को पंजीकृत करना होगा। अनुपालन की समयसीमा 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दी गई है, हालांकि यह आदेश नया नहीं है।

साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए सरकार नए सिम कार्ड जारी करने पर अधिक सख्त नियम लागू कर रही है। जिन लोगों ने अपने नाम पर अनुमत नौ सिम कार्ड से अधिक पंजीकृत किए हैं, उन पर विचाराधीन एक कार्रवाई का लक्ष्य है। अभी तक, प्रत्येक व्यक्ति को केवल नौ सिम कार्ड रखने की अनुमति है।

नए नियमों के तहत दूरसंचार व्यवसायों को अपने सिम कार्ड वितरकों, एजेंटों और फ्रेंचाइजी को पंजीकृत करना होगा। यदि वे अनुपालन नहीं करते हैं तो उन्हें 1 अप्रैल के बाद सिम कार्ड बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

यह नया नियम सिम जारी करने की प्रक्रिया को अतिरिक्त सुरक्षा और पारदर्शिता प्रदान करता है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अभी तक पंजीकरण पूरा नहीं किया है, लेकिन रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित निजी दूरसंचार कंपनियों ने अब तक पंजीकरण पूरा कर लिया है। सरकार ने बीएसएनएल की सहायता के लिए सिम डीलर पंजीकरण अवधि दो महीने बढ़ा दी है। 1 अप्रैल, 2025 से केवल अधिकृत सिम कार्ड थोक विक्रेताओं को ही उपभोक्ताओं को सिम कार्ड बेचने की अनुमति होगी।

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