Shani Pradosh Vrat: शनि और शिव की कृपा पाने के लिए करें शनि प्रदोष व्रत; पूजा की विधि और समय कर लें नोट

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हर कोई चाहता है कि उसका जीवन सुखमय हो। लेकिन कई बार हमारे जीवन में कई परेशानियां आ सकती हैं। अगर आप अपने जीवन में नकारात्मकता और परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो शनि प्रदोष व्रत सभी के लिए खास है।
शनि प्रदोष व्रत कब है
जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 मई 2025 यानी आज शाम 7 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। यह तिथि 25 मई दोपहर 3 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। चूंकि यह प्रदोष व्रत शनिवार को है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन शनि की पूजा करना शुभ माना जाता है। आज पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 20 मिनट से 9 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
शनि प्रदोष व्रत का महत्व
इस व्रत को करने से संबंधित व्यक्ति को शिव और शनि दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे आपके जीवन में शिकायतें, कोर्ट-कचहरी के झंझट, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और आर्थिक परेशानियां दूर हो सकती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से पिछले जन्मों के पाप भी धुल जाते हैं।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें
- शिवलिंग स्थापित करें और उस पर जल चढ़ाएं
- उस पर बेलपत्र, फल, फूल और धोत्रिय फूल चढ़ाएं
- भगवान शिव के परिवार की सामूहिक आरती करें।
- प्रदोष व्रत कथा सुनें
- शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय
काले तिल और सरसों का तेल दान करें
- लोहे की वस्तुएं, उड़द की दाल, काले कपड़े और भोजन का दान करना शुभ माना जाता है
- शनिदेव की तस्वीर पर सरसों का तेल लगाएं और 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें।
- यह व्रत न केवल आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए बल्कि मानसिक और सामाजिक जीवन के लिए भी लाभकारी है।