Sexual Health: नपुसंकता को जड़ से खत्म कर देता है ये पौधा, सेवन करने के इतने दिन में ही मिल जाएगी पिता बनने की ख़ुशी

आयुर्वेद में पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए कई लाभकारी जड़ी-बूटियों का उल्लेख है, लेकिन सत्यानाशी उनमें से एक विशेष स्थान रखती है। यह अद्भुत पौधा न केवल एक जड़ी-बूटी है, बल्कि इसके अपार औषधीय गुणों के कारण पुरुषों के लिए वरदान माना जाता है। माना जाता है कि इसकी जड़ों और पत्तियों से निकाला गया रस शारीरिक कमजोरी और नपुंसकता का प्रभावी ढंग से इलाज करता है। पतंजलि के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ भुवनेश पांडे के अनुसार, इस पौधे में बुढ़ापे में भी जीवन शक्ति और ऊर्जा को बहाल करने की क्षमता है।
सत्यानाशी की पहचान
सत्यानाशी रेतीली और सूखी मिट्टी में पनपती है और इसे आसानी से पहचाना जा सकता है:
पत्तियाँ और फूल: पौधे में कांटेदार पत्तियाँ और चमकीले पीले फूल होते हैं।
बीज और दूधिया लेटेक्स: फूलों में काले बीज होते हैं, और जब पत्तियों को तोड़ा जाता है, तो वे पीले रंग का रस छोड़ते हैं, जिसे स्वर्णक्षीरी भी कहा जाता है।
सत्यानाशी के स्वास्थ्य लाभ
शारीरिक कमजोरी को दूर करता है - 30 दिनों तक इसके रस या चूर्ण का नियमित सेवन करने से ऊर्जा का स्तर काफी बढ़ सकता है। यहाँ तक कि बुजुर्ग व्यक्ति भी युवा और तरोताजा महसूस करते हैं।
नपुंसकता का इलाज करता है – यह जड़ी बूटी शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने और पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए जानी जाती है। भुवनेश पांडे के अनुसार, नपुंसकता से संबंधित समस्याओं को उपयोग के 21 दिनों के भीतर हल किया जा सकता है।
थकान और उम्र बढ़ने के प्रभावों का मुकाबला करता है – यह थकान, थकावट और उम्र से संबंधित कमज़ोरी से लड़ने के लिए एक प्रभावी उपाय के रूप में कार्य करता है।
सेवन के तरीके
जूस: जड़ों और पत्तियों से रस निकालें और प्रतिदिन 20 मिलीलीटर का सेवन करें।
पाउडर का रूप: पत्तियों को सुखाकर पीसकर पाउडर बना लें। सुबह और शाम दूध या पानी के साथ एक चम्मच लें।
सावधानियां
- उचित खुराक बनाए रखें और अत्यधिक सेवन से बचें।
- पूरक के रूप में इसका उपयोग करने से पहले किसी चिकित्सा विशेषज्ञ से सलाह लें।
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है।