Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन पर राखी बांधते समय क्यों लगानी चाहिए तीन गांठ, जान लें कारण

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PC: Jagran

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन इस वर्ष शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह त्यौहार हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उनकी लंबी आयु, सफलता और सुरक्षा की कामना करती हैं। वे उनके अच्छे जीवन की कामना करती हैं। वहीं, भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर उनकी रक्षा का वचन देते हैं। हालाँकि, राखी बांधते समय कुछ नियमों का पालन करना बेहद ज़रूरी है।

राखी बांधते समय बहनें अक्सर धागे की तीन गांठें लगाती हैं। ऐसा कई लोगों ने देखा होगा, लेकिन बहुत कम लोग इन तीन गांठों के धार्मिक और भावनात्मक महत्व को जानते हैं। ये गांठें केवल एक समारोह का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि इन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की त्रिमूर्ति का प्रतीक माना जाता है। पहली गांठ ब्रह्मा को समर्पित होती है, जिन्हें ब्रह्मांड का रचयिता माना जाता है। ये गांठें जीवन में सकारात्मकता का संचार करती हैं। दूसरी गांठ भगवान विष्णु को अर्पित की जाती है, जो पालनहार हैं। इसलिए यह गाँठ भाई की रक्षा, उसके अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बाँधी जाती है। तीसरी गाँठ महादेव को अर्पित की जाती है। यह शिव की शक्ति का प्रतीक है और यह गाँठ बुरी शक्तियों से रक्षा और जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए बाँधी जाती है।

इसके साथ ही, तीन गाँठें भाई-बहन के रिश्ते में "प्रेम, विश्वास और सुरक्षा" के तीन मूल्यों का प्रतीक भी मानी जाती हैं। राखी बाँधते समय बहन न केवल अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है, बल्कि उनके बीच के बंधन को मज़बूत करने के लिए प्रेम से राखी बाँधती है। इसलिए, राखी का धागा केवल एक परंपरा नहीं है, बल्कि इसके पीछे बहन के विश्वास, भावनाओं और रिश्ते का रहस्यमय अर्थ छिपा है।

रक्षा बंधन 2025 का शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन सुबह 5:47 बजे शुरू होगा और दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगा। यानी भाई को राखी बाँधने के लिए कुल 7 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा। यदि बहन इस शुभ मुहूर्त में प्रेम का धागा बांधती है, तो उसे अधिक आध्यात्मिक और भावनात्मक शक्ति प्राप्त होती है। रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि रिश्ते, विश्वास और प्रेम के मजबूत बंधन का उत्सव है।

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