पेरेंटिंग टिप्स: सुबह जल्दी उठकर पढ़ना वाकई फायदेमंद है या नहीं, जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

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माता-पिता अक्सर मानते हैं कि पढ़ाई के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है। उनका मानना ​​है कि इस समय बच्चे का दिमाग तरोताजा और शांत होता है, जिससे वह बेहतर तरीके से सीख पाता है। हालाँकि, हर बच्चे की जीवनशैली और सीखने की क्षमता अलग-अलग होती है।

सुबह के समय दिमाग तरोताजा और शांत रहता है। रात की अच्छी नींद के बाद दिमाग में जमा सारी थकान दूर हो जाती है, जिससे सीखने और समझने की क्षमता बढ़ती है। सुबह का समय आमतौर पर शांत होता है, जो ध्यान केंद्रित करने में अधिक सहायक होता है।

वैज्ञानिक अध्ययन भी बताते हैं कि सुबह के समय याददाश्त क्षमता बढ़ती है। इस समय पढ़ी गई चीजें लंबे समय तक याद रहती हैं।

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लेकिन, क्या यह सभी के लिए सही है? जवाब न है। हर किसी के पास अपनी अनूठी बॉडी क्लॉक होती है। कुछ लोग सुबह पढ़ने में अधिक सहज महसूस करते हैं, जबकि कुछ लोग रात में पढ़ने में अधिक सहज महसूस करते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप जिस समय पढ़ रहे हैं उस पर पूरा ध्यान केंद्रित करें और इसका अधिकतम लाभ उठाएं।

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विशेषज्ञों का मानना ​​है कि बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है। बच्चों को हर रात कम से कम 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए। सुबह जल्दी उठने की आदत के कारण उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है, जिससे उनके स्वास्थ्य और सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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हर बच्चे की जैविक घड़ी अलग होती है। कुछ बच्चे सुबह उठकर अच्छे से पढ़ाई करते हैं तो कुछ बच्चे रात में बेहतर पढ़ाई करते हैं। इसलिए माता-पिता को बच्चों की स्वाभाविक प्रवृत्ति को समझना चाहिए और उसी के अनुसार उनकी पढ़ाई का समय निर्धारित करना चाहिए।

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