मृत्यु पंचक 2024: कब शुरू होगा साल 2024 का पहला माद पंचक? भूलकर भी ऐसा न करें
मृत्यु पंचक 2024: शास्त्रों में मद पंचक को बहुत खतरनाक माना गया है, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, अन्यथा लंबे समय तक इसके बुरे परिणाम भुगतने पड़ते हैं।
मृत्यु पंचक 2024: कब शुरू होगा साल 2024 का पहला माड़ा पंचक, जिसे मृत्यु पंचक भी कहा जाता है, भूलकर भी न करें ये काम मृत्यु पंचक 2024: कब शुरू होगा साल 2024 का पहला माड़ा पंचक? भूलकर भी ऐसा न करें
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मृत्यु पंचक 2024: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू कैलेंडर में हर महीने के 5 दिन अशुभ माने जाते हैं। इसे पंचक के नाम से जाना जाता है। जिस दिन पंचक प्रारंभ होता है, उसका प्रभाव भी उतना ही क्रूर होता है। मद पंचक की तरह इसे मृत पंचक भी कहा जाता है। साल 2024 का पहला महीना जनवरी पंचक में है।
शास्त्रों में मद पंचक को बहुत खतरनाक माना गया है, इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, अन्यथा लंबे समय तक इसके बुरे परिणाम भुगतने पड़ते हैं। जानिए जनवरी 2024 में कब है मृत्यु पंचक और इस दौरान कौन से काम वर्जित हैं।
जनवरी 2024 में मृत्यु पंचक कब है?
मृत्यु पंचक शनिवार, 13 जनवरी 2024 को रात्रि 11:35 बजे प्रारंभ होगा। इसकी समाप्ति 18 जनवरी 2024 को प्रातः 03:33 बजे होगी. शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मद पंचक (मृत्यु पंचक) कहा जाता है। यह साल 2024 का पहला पंचक होगा.
पंचक क्या है?
जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में भ्रमण करता है तो उसे पंचक कहा जाता है। चंद्रमा को इन सभी नक्षत्रों को पार करने में लगभग 5 दिन लगते हैं और पंचक हर 27 दिन में आता है।
मृत्यु पंचक में इस बात का विशेष ध्यान रखें
ज्योतिष के अनुसार यदि पंचक काल में किसी की मृत्यु हो जाती है तो इसे अशुभ माना जाता है क्योंकि परिवार में पांच लोगों की मृत्यु होने की संभावना होती है। यदि किसी की मृत्यु पंचक काल के दौरान हो जाती है तो पंचक के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए उसके शव का दाह संस्कार करने के साथ ही कुश के पांच पुतले बनाकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार करने का नियम है।
मृत्यु पंचक में क्या न करें?
जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह पंचक मृत्यु के समान कष्टकारी है। इन पांच दिनों में कोई भी जोखिम भरा काम नहीं करना चाहिए।इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि का खतरा रहता है। पंचक के दौरान लकड़ी खरीदना, घर की छत बनाना, शवों को जलाना, बिस्तर बनाना और दक्षिण दिशा में यात्रा करना वर्जित है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि RK किसी भी पहचान, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।