Heart Attack: रात में जली लाइटों से 56% बढ़ जाता है दिल का दौरा पड़ने का खतरा; नए अध्ययन से चौंकाने वाला खुलासा

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दिन में हमें घर की लाइटें जलाने की ज़रूरत नहीं होती क्योंकि सूरज की रोशनी इतनी तेज़ होती है कि हमारा ज़्यादातर काम उस रोशनी में आसानी से हो जाता है। हालाँकि, शाम होते ही हम घर की लाइटें जला देते हैं और सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटें भी जल जाती हैं।
लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शाम को घर की सभी लाइटें जलाकर छोड़ना स्वास्थ्य के लिए, खासकर हृदय के लिए खतरनाक हो सकता है। इस अध्ययन से पता चला है कि शाम या रात में तेज़ रोशनी में रहने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानें ऐसा क्यों है।
अध्ययन क्या कहता है?
JAMA नेटवर्क में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रात में घर की लाइटें जलाए रखने से सर्कैडियन रिदम प्रभावित होता है। सर्कैडियन रिदम शरीर की प्राकृतिक घड़ी है, जो नींद, हार्मोन संतुलन और शरीर की आंतरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती है।
जब यह लय बाधित होती है, तो हृदय का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है। प्रकाश की तीव्रता शरीर की इस प्राकृतिक लय को बाधित करती है, जिससे भ्रम, उच्च रक्तचाप और अनियमित दिल की धड़कन जैसी समस्याएं होती हैं।
यह हृदय के लिए कितना खतरनाक है?
रात में तेज़ रोशनी के संपर्क में आने से कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा 32%, हार्ट अटैक का खतरा 56% और हार्ट फेल होने का खतरा 30% बढ़ जाता है। गौरतलब है कि नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और अच्छी नींद भी इन खतरों से पूरी तरह बचाव नहीं कर पाते। इससे पता चलता है कि रात की रोशनी का हमारे शरीर पर कितना गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
अपनी सुरक्षा कैसे करें?
हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए, निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
शाम के समय घर की लाइटें धीमी कर दें या कम रखें।
पर्दे लगाकर बाहर से आने वाली रोशनी को रोकें।
सोते समय फ़ोन का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि स्क्रीन की रोशनी भी सर्कैडियन रिदम को प्रभावित करती है।
अगर आप ये छोटी-छोटी आदतें अपनाएँगे, तो आपका हृदय स्वस्थ और तंदुरुस्त रहेगा। आप एक स्वस्थ जीवन भी जी पाएँगे।
