Health tips : बचपन में दुःख का असर पड़ता है बुढ़ापे में स्वास्थ्य पर !
जो लोग बचपन में हिंसा के शिकार थे, उनमें चलने-फिरने में समस्या होने की संभावना 40 प्रतिशत अधिक थी और बुढ़ापे में उनकी दैनिक दिनचर्या में कठिनाई होने की संभावना 80 प्रतिशत अधिक थी। हिंसा और दुर्व्यवहार से संबंधित अनुभवों का प्रभाव जीवन भर रहता है।
बता दे की, इसमें शरीर के साथ-साथ दिमाग को होने वाले नुकसान को भी शामिल किया गया है। अब तक, एक चुनौतीपूर्ण बचपन होने से एक युवा या मध्यम आयु वर्ग के वयस्क के रूप में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, मगर पहली बार, यूसी सैन फ्रांसिस्को के शोधकर्ताओं ने प्रतिकूल प्रारंभिक अनुभवों को आजीवन स्वास्थ्य प्रभावों से जोड़ा है।
जिन लोगों ने बचपन में दुर्व्यवहार का अनुभव किया था, उनमें गतिशीलता संबंधी समस्याओं और दैनिक जीवन की चुनौतियों का जोखिम क्रमशः 40% और 80% तक बढ़ गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दे की, बचपन की कठिनाइयों का प्रभाव तब पड़ सकता है जब हम 60, 70, 80, या चलने-फिरने, अन्य दैनिक गतिविधियों और याददाश्त संबंधी समस्याओं के रूप में वृद्ध। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का अनुमान है कि एक या अधिक प्रकार की बचपन की प्रतिकूलता 60% अमेरिकी वयस्कों को प्रभावित करती है।