Health Tips: कोरोना वैक्सीन सिर्फ कोविड-19 में ही नहीं इन बीमारियों से बचने में भी करती हैं हमारी मदद...!!!

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 यह तो हम सभी ही जानते हैं कि कोरोनावायरस से आ चुका है और इसके लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं। ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं जिससे यह काफी संक्रामक लग रहा है लेकिन डेल्टा आदि वैरीअंट के मुकाबले यह कम खतरनाक है।  इस बार कोरोनावायरस सबसे ज्यादा मरीजों में सर्दी, खांसी, जुकाम, नाक बहना, सिर दर्द, बदन दर्द जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। हां हम मानते हैं कि यह लक्षण पहले भी लोगों में नजर आते थे मोसमी सर्दी के दौरान। लेकिन विशेषज्ञों का यह कहना है कि जो दुबारा कोरोनावायरस आया था उसमें इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन लगाने से लोगों में सर्दी जुकाम जैसी परेशानियां कम हो गई थी। जबसे वैक्सीनेशन लगाया गया है तब से कई मरीजों में मौसमी सर्दी से जीतने वाले मरीजों को राहत मिली है।

 बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल  बायलॉजी यूनिट के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट और जाने-माने वायरोलॉजिस्ट प्रोफेसर सुनीता कुमार सिंह news18 हिंदी से बातचीत करते हुए बताएं कि जब कॉमन कब, कोरिया फ्लू जैसे लक्षण की बात करें तो इसके लिए सिर्फ इन्फ्लूएंजा ब्लू वायरस की जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि इसके लिए अल्फा कोरोना वायरस के दो प्रकार एनएल-63, 229-ई और बीटा कोरोना वायरस की भी ये दो प्रजातियां ओसी-43 और एचकेयू-1 कोरोना के वायरस है जो जनसंख्या को एक जमाने से संक्रमित कर रहे हैं। इनके कारण से भी लोगों में सर्दी जुखाम खांसी के वहीं लक्षण सामने आ रहे हैं जो इनफ्लुएंजा फ्लू के कारण से आते हैं।

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 अगर आसान शब्दों में कहें तो ऐसा नहीं है कि कोरोनावायरस दुनिया में पहली बार आया है और इससे लोग संक्रमित हो रहे हैं बल्कि यह तो काफी समय से मौजूद है। अभी तक सारी बीमारियां जैसे सर्दी खांसी जुकाम हम लोगों का अल्फा और बीटा कोरोनावायरस की इन 4 प्रजातियों से भी होते रहे हैं। इनसे अलग बेटा कोरोनावायरस के अन्य प्रकारों की वजह से 2003 में चीन में सार्स आया था। दूसरी तरफ इसी बीटा वायरस के कारण एक और बीमारी मर्स आयी थी और आज के समय में तीसरी सार्स कोविड-2 आयी है।


 वैक्सीनेशन से कम हुआ सामान्य सर्दी जुखाम -: डॉ सुनीता बताती हैं जो सबसे ज्यादा जरूरी बात है वह यह है कि जिन लोगों ने कोविड-19 टीका लगवा लिया है जिनमें से किसी को भी प्राकृतिक रूप से कोरोना का इंफेक्शन हुआ है तो वैक्सीनेशन या इंफेक्शन के समय जो हमारे शरीर में एंटीबॉडीज बनी है उनमें कुछ क्रॉस रिएक्टिव एंटीबॉडीज रही है। ऐसे में वे कोरोनावायरस जो सर्दी जुकाम के लक्षणों के लिए जिम्मेदार होते थे उनको कंट्रोल करने में इंट्रोस्पेक्टिव एंटीबॉडीज ने काफी सहायता की है। यही कारण है कि लोगों को उस संख्या में अब सर्दी खांसी जुकाम और फ्लू नहीं होता है जैसे कि मौसम बदलने या सर्दी लगने पर हो जाते थे।

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 जबकि ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना वैक्सीन नेशन से सिर्फ अल्फा बीटा कोरोनावायरस के चार प्रकारों से होने वाले संक्रमण ही कम हुए हैं। कोरोना वैक्सीन ने कोरोनावायरस की इन प्रजातियों से होने वाले लक्षणों को फैलने से रोका है।


 सर्दी जुखाम यानी ओमिक्रोन की सम्भावना, कंफ्यूज ना हो लोग -: डॉ सुनीता बताती हैं कि अल्फा कोरोनावायरस से अलग इस समय कोरोनावायरस का नया स्वरूप काफी तेजी से फैल रहा है। इसकी खास बात यह है कि लोगों में वही लक्षण देखने को मिल रहे हैं जो इनफ्लुएंजा फ्लू या अल्फा और बीटा कोरोनावायरस के कारण से सामान्य सर्दी में दिखाई देते हैं। ऐसे में इन लक्षणों के होने पर यह समझ लेना कि हमें कोरोनावायरस तो यह सही नहीं है। ऐसे में अगर किसी को सिर दर्द ठीक आना नाक बहना खांसी आ गले में खराश की परेशानी है या बुखार आ रहा है और सांस लेने में तकलीफ है तो यह आजकल हो रहे ओमिक्रोन के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में यह लक्षण आने पर परेशानी महसूस होने पर rt-pcr कराना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही इन लक्षणों में खुद को आइसोलेट भी कर लेना चाहिए। अगर बुखार या सांस की दिक्कत है तो घबराने की जरूरत नहीं है आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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