Health: अगर आपको भी हाथों और पैरों में दिखाई दे रहे हैं ये लक्षण तो समझ जाइए नसें हो गई है डेमेज

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क्या आपने कभी अपने हाथों और पैरों में झुनझुनाहट, सुन्नपन या बिजली के झटके जैसा तेज़ दर्द महसूस किया है? लोग अक्सर इस लक्षण को सिर्फ़ थकान या कमज़ोरी समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। हालाँकि, यह तंत्रिका क्षति या न्यूरोपैथी का संकेत भी हो सकता है। जर्नल ऑफ़ न्यूरोलॉजी में हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन में कुछ चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए हैं।
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
अमेरिका के मिशिगन में 169 लोगों पर एक अध्ययन किया गया। रोगियों की औसत आयु 58 वर्ष थी और उनमें से लगभग 70 प्रतिशत इस बीमारी से पीड़ित थे। उनमें से लगभग आधे को मधुमेह था, जबकि बाकी को उच्च रक्तचाप, पेट के आसपास चर्बी, बढ़ा हुआ रक्त शर्करा और खराब कोलेस्ट्रॉल जैसे मेटाबोलिक सिंड्रोम थे।
मरीजों की सबसे बड़ी समस्या
लगभग 60 प्रतिशत रोगियों को लगातार दर्द का अनुभव हुआ। हर तीसरे मरीज ने कहा कि उन्हें हमेशा दर्द महसूस होता है। इस बीमारी से गिरने और संक्रमण होने जैसे जोखिम हो सकते हैं। इतना ही नहीं, न्यूरोपैथी अवसाद और अकाल मृत्यु के जोखिम को भी बढ़ा सकती है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम एक प्रमुख कारक है
अब तक, यह माना जाता था कि न्यूरोपैथी केवल मधुमेह से जुड़ी होती है। हालाँकि, शोध से पता चला है कि मेटाबोलिक सिंड्रोम वाले लोगों में इस बीमारी का खतरा चार गुना ज़्यादा होता है। यानी, न केवल शुगर का बढ़ना, बल्कि वज़न बढ़ना और उच्च रक्तचाप भी नसों के कमज़ोर होने का कारण हो सकता है।
इस अध्ययन में आय पर भी विचार किया गया। इस बार, आय का कोई प्रभाव नहीं देखा गया। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, कुछ अश्वेत आबादी में न्यूरोपैथी का जोखिम अन्य की तुलना में थोड़ा कम पाया गया।
विशेषज्ञ डॉक्टर की चेतावनी
इस अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता डॉ. मेलिसा ए. एलाफ्रोस के अनुसार, न्यूरोपैथी का समय पर निदान और उपचार बेहद ज़रूरी है। यह बीमारी न केवल जीवन की गुणवत्ता को कम करती है, बल्कि मृत्यु के जोखिम को भी बढ़ाती है। यह शोध स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि हाथ-पैरों में सुन्नता, झुनझुनी या लगातार दर्द होना कोई साधारण बात नहीं है। अगर आप ऐसे लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो इन्हें नज़रअंदाज़ न करें।