बाजार में मिलता है झाड़ू का नकली जीरा, ऐसे करें असली-नकली जीरे की पहचान, ध्यान रखने योग्य 3 बातें
असली बनाम नकली जीरा: मसालों की लिस्ट में जीरे का नाम भी शामिल है. खाना बनाते समय जीरे का इस्तेमाल काफी आम है। जीरा खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। हालाँकि, आजकल बाज़ार में नकली जीरा उपलब्ध है। ऐसे में आप जीरा खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखकर असली और नकली जीरे की पहचान कर सकते हैं।
जीरा एंटी-ऑक्सीडेंट, फाइबर, आयरन, कॉपर, पोटैशियम, मैंगनीज, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम और विटामिन से भरपूर होता है। साथ ही जीरे का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है। लेकिन नकली जीरा खाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। तो आइए जानते हैं नकली जीरे की पहचान कैसे करें और इसे खाने से होने वाले कुछ नुकसान।
नकली जीरा क्या है और कैसे बनता है?
नकली जीरा घास के फूलों से बनाया जाता है. आपको बता दें कि नदियों के किनारे एक तरह की घास उगती है, जिससे फूल झाड़ू बनाई जाती है। ऐसे में कुछ लोग इस घास को पानी में उबालकर गुड़ की चाशनी में पकाते हैं. इसके बाद घास को सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है. सूखने के बाद घास का रंग जीरा जैसा दिखने लगता है. इसके बाद इसमें पत्थर या घोल का पाउडर मिलाकर छान लिया जाता है. ऐसी स्थिति में यह घास बिल्कुल असली जीरे की तरह दिखती है।
नकली जीरा खाने के नुकसान
-असली जीरे का सेवन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। वहीं नकली जीरे का सेवन करने से आपको पेट संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- नकली जीरा खाने से लोगों को पेट दर्द और पेट में पथरी की समस्या हो सकती है.
-इसके अलावा आपको स्किन इंफेक्शन का भी खतरा रहता है.
- नकली जीरा खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है।
नकली जीरे की पहचान कैसे करें
असली और नकली जीरे की पहचान करने के लिए आप पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए एक कटोरे में पानी लें. - अब इसमें थोड़ा सा जीरा डालें. इस तरह नकली जीरा कुछ ही देर में रंग छोड़ने लगेगा. साथ ही नकली जीरा पानी के संपर्क में आने से टूटने भी लगता है. साथ ही अगर जीरे की गंध न आए तो समझ जाएं कि जीरा नकली है।