Diarrhea Home Remedy : अमरूद के पत्तों का काढ़ा दस्त में है फायदेमंद; सद्गुरु ने बताया बनाने का सही तरीका

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आज की भागदौड़ भरी दुनिया में, गलत खान-पान की वजह से डायरिया, पेट फूलना, कब्ज़, गैस, अपच जैसी दिक्कतें बहुत आम हो गई हैं। पेट की ये दिक्कतें भले ही आम लगती हों, लेकिन धीरे-धीरे शरीर को परेशान करती हैं। इससे मन भटकता है, हमारा फोकस भटकता है और हमारा डेली रूटीन बिगड़ जाता है। डायरिया में पतला और पानी जैसा मल आता है, जो गंदे खाने/पानी या इंफेक्शन की वजह से होता है, जिससे डिहाइड्रेशन और कमजोरी होती है।
बीमारी छोटी हो या बड़ी, इसका सॉल्यूशन घर पर ही मौजूद है। आयुर्वेद में कई आसान उपाय बताए गए हैं जिनकी मदद से घर पर ही हेल्थ प्रॉब्लम ठीक की जा सकती हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से पेट की दिक्कतें ठीक की जा सकती हैं। सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने एक वीडियो में बताया है कि अमरूद के पत्तों का काढ़ा डायरिया के लिए फायदेमंद हो सकता है। उन्होंने बताया है कि यह काढ़ा डायरिया के लिए भी फायदेमंद है।
अमरूद के पत्तों का पानी कैसे बनाएं
सद्गुरु ने एक आसान तरीका बताया है कि आप यह काढ़ा घर पर कैसे बना सकते हैं। इसके अनुसार, सबसे पहले आपको 7 से 10 ताज़े, साफ़ अमरूद के पत्ते लेने होंगे। अब इन पत्तों को पानी से धोकर साफ़ कर लें। एक छोटे बर्तन में दो कप पानी डालें, उसमें अमरूद के पत्ते डालकर 8 से 10 मिनट तक उबालें। जब पानी हल्का भूरा हो जाए, तो आँच बंद कर दें। छानकर पी लें। सद्गुरु के अनुसार, आपको पहले अपनी समस्या का इलाज खाने से करना चाहिए, लेकिन अगर समस्या गंभीर है, तो यह काढ़ा बनाकर पिएँ।
काढ़े के फ़ायदे
खाने से होने वाले इन्फेक्शन और डायरिया से राहत
अगर किसी को अचानक डायरिया हो गया है और यह बहुत ज़्यादा हो गया है, तो ऐसी स्थिति में आप अमरूद का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। अमरूद के पत्तों में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो पेट में नुकसान पहुँचाने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं। एक स्टडी के अनुसार, यह काढ़ा आंतों में सूजन कम करता है और इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करने में भी मदद करता है। अमरूद के पत्तों का पानी पीने से पेट में इन्फेक्शन और बैक्टीरिया की ग्रोथ को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है
NCBI के अनुसार, अमरूद के पत्तों का पानी पीने से ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करने में मदद मिलती है। अमरूद के पत्तों में मौजूद कंपाउंड ग्लूकोज एब्जॉर्प्शन को कम करते हैं, जिससे खाने के बाद शुगर तेज़ी से नहीं बढ़ती। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए इसका सेवन फायदेमंद होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल स्टेबल रहता है और भूख भी कम लगती है।
क्या कहती है स्टडी?
एक स्टडी से यह भी पता चला है कि अमरूद के पत्तों में एंटी-कैंसर और एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इनमें मौजूद मिनरल, प्रोटीन और विटामिन इन्हें न्यूट्रिएंट्स का सीधा सोर्स बनाते हैं। अमरूद के पत्तों में फ्लेवोनॉयड्स और ट्राइटरपेनॉयड्स जैसे कई मेटाबोलाइट्स भी होते हैं। इसके अलावा, अमरूद के पत्तों से मिलने वाले एसेंशियल ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीप्रोलिफेरेटिव गुण भी होते हैं। जो कोलन कार्सिनोमा और कई तरह के कैंसर में एंटीप्रोलिफेरेटिव का काम करते हैं।
कब्ज की समस्या कम करेगा
आयुर्वेद में अमरूद को कब्ज के लिए फायदेमंद माना जाता है। इसके फाइबर, डिटॉक्सिफाइंग इंग्रेडिएंट्स और नेचुरल एंजाइम आंतों को स्टिम्युलेट करते हैं। अमरूद सूखे मल को नरम करता है और आंतों को लुब्रिकेट करता है, जिससे पॉटी करना आसान हो जाता है। अमरूद में क्वेरसेटिन होता है, जो आंतों की सूजन को कम करता है और गट माइक्रोबायोम को बैलेंस करता है।
