Deficiency fingers blue: ठंड के मौसम में उंगलियां नीली क्यों हो जाती हैं? शरीर में इस कमी की वजह से बदलता है रंग

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ठंड के दिनों में कई बीमारियां बढ़ती देखी जाती हैं। इनमें हार्ट प्रॉब्लम और स्किन प्रॉब्लम बड़ी संख्या में शामिल हैं। जब ठंड शुरू होती है, तो कुछ लोगों की उंगलियां अचानक सफेद, नीली या हल्के बैंगनी रंग की हो जाती हैं। उंगलियों का रंग बदलने के साथ-साथ कभी-कभी दर्द या सूजन भी देखी जाती है। अक्सर लोग इसे ठंड की प्रॉब्लम समझ लेते हैं। हालांकि, इसे नज़रअंदाज़ करना महंगा पड़ सकता है।
मेडिकल टर्म्स में, यह रेनॉड सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। यह प्रॉब्लम खासकर 40 साल से ज़्यादा उम्र की महिलाओं में देखी जाती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह प्रॉब्लम खासकर उन लोगों में देखी जाती है जो ठंडे और गर्म पानी में काम करते हैं। अगर आप भी इस प्रॉब्लम से परेशान हैं, तो आइए जानें कि आपके शरीर में असल में किस चीज़ की कमी है।
ठंड के दिनों में उंगलियां नीली क्यों हो जाती हैं?
रेनॉड सिंड्रोम में, हाथ और पैरों की ब्लड वेसल ठंडी होकर सिकुड़ जाती हैं। इससे पैरों या उंगलियों को ठीक से खून और ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है। इसी तरह, ब्लड सर्कुलेशन बंद होने से उंगलियों में सुन्नपन और जलन होने लगती है और फिर उंगलियों का रंग बदल जाता है। कुछ लोगों में यह समस्या बहुत ज़्यादा स्ट्रेस लेने से शुरू हो सकती है। कुछ लोगों में ये लक्षण तब दिखते हैं जब तापमान 60 से 70 डिग्री के बीच होता है।
किसको ज़्यादा खतरा है?
होटल में काम करने वाले लोगों को उंगलियों के नीले पड़ने का सबसे ज़्यादा खतरा होता है। इसी तरह, वाइब्रेटिंग टूल चलाने वाले लोग, गर्म और ठंडे पानी में काम करने वाले लोग और घर का काम करने वाली महिलाओं को ज़्यादा खतरा होता है। डॉक्टरों के मुताबिक, ठंड के दिनों में OPD में आने वाले 60 परसेंट तक मरीज़ों में ये लक्षण दिखते हैं।
इस समस्या से कैसे बचें?
रेनॉड्स से बचने के लिए, बहुत ठंडे पानी के संपर्क में न आएं। इसी तरह, घर में घूमते समय नंगे पैर न चलें। कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट को सीधे हाथ न लगाएं।
