IPO: शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल का असर, 24 हजार करोड़ के आईपीओ का भविष्य अनिश्चित

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पिछले छह-आठ महीनों से भारतीय शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखी जा रही है। द्वितीयक बाजार की इन अप्रत्याशित चालों का प्रभाव प्राथमिक बाजार पर देखा जा सकता है। 19 कंपनियों के लिए आईपीओ जारी करने के लिए सेबी द्वारा दी गई एक साल की नियामक मंजूरी अगले दो महीनों में समाप्त होने वाली है। बाजार की रिपोर्ट के मुताबिक, हो सकता है कि इनमें से ज्यादातर आईपीओ तय समय सीमा के भीतर बाजार में न आएं।

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कंपनियों के पास रेगुलेटरी अप्रूवल को लैप्स होने देने या अपना आईपीओ वापस लेने और रिफिलिंग करने का विकल्प होता है। हाल ही में जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स इंडिया ने रु. 2500 करोड़ का आईपीओ वापस ले लिया गया। इसके अलावा स्टिच्ड टेक्सटाइल्स और एसएसबीए इनोवेशन ने अगस्त में अपने प्रस्ताव दस्तावेज वापस ले लिए। इसके अलावा, भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन फार्मेसी, फार्मेसी के मालिक एपीआई होल्डिंग्स ने पिछले महीने बाजार की स्थितियों और रणनीतिक कारणों का हवाला देते हुए सदस्यता वापस ले ली। अब उनकी योजना राइट्स इश्यू के जरिए फंड जुटाने की है।

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कई प्रमुख कंपनियों ने मई और जुलाई के बीच रोड शो किया और निवेशकों से खराब प्रतिक्रिया मिली क्योंकि बाजार अत्यधिक अस्थिर थे। बैंकरों के मुताबिक बाजार में अभी भी उतार-चढ़ाव बना हुआ है। कुछ मजबूत कंपनियां आगे बढ़ेंगी लेकिन उन्हें भी आईपीओ से अच्छी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं है।

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