बच्चों के सामने माँ-बाप को नहीं करनी चाहिए इस तरह बातें

f

बच्चों की परवरिश में माता-पिता की एक बड़ी भूमिका होती है। बच्चे क्या बोलते हैं, कैसे रहते हैं और किस प्रकार से सोचते हैं इसमें माता-पिता और उनके परवरिश के तरीके की झलक दिखती है। ऐसे में जब कोई बच्चा गंदे तरीके से बात करता है या फिर अपशब्द शब्दों का प्रयोग करता है तो आपने कभी सोचा है कि इसका क्या कारण हो सकता है। दरअसल, इसके पीछे एक बड़ा कारण है माता-पिता के आपसी रिश्ते और उनके बातचीत करने का तरीका। अगर माता-पिता बच्चों के सामने झगड़ते हैं, रूखी भाषा में बात करते हैं और पलट कर जवाब देते हैं तो आपके बच्चे भी इसे सीख लेते हैं। साथ ही इस बीच उन्होंने घर में जिन अपशब्दों का प्रयोग किया हो वो भी बच्चों के लिए बोलना आसान हो जाता है। इसलिए हर माता-पिता को अपने बच्चों के सामने बात करते समय इन बातों शब्दों का खास ध्यान रखना चाहिए।

माता-पिता आपस में बात करते समय इन 5 शब्दों का रखें ध्यान
1. तू-तड़ाक करके बात ना करें
बच्चे भी अपशब्द बोलने से रोकना है तो माता-पिता को अपनी भाषा सुधारनी होगी। दरअसल, जब माता-पिता भाषा का लिहाज भूल जाते हैं और एस दूसरे से तू-तड़ाक करके बात करते हैं तो उनके बच्चे भी इसी तरह बात करना सीख जाते हैं। इससे वे बिना सिखाए ये सब धीमे-धीमे सीखते हैं और बाद में स्कूल में, दोस्तों के साथ, घर में बड़ों के साथ और अपने भाई-बहनों के साथ भी इस तरह से बातचीत करते हैं।

a

2. तुरंत पलट कर एक दूसरे को जवाब देना
कुछ माता-पिता बच्चों के सामने अपनी इज्जत खुद कम कर लेते हैं। वे एक दूसरे की तो इज्जत नहीं करते और इसलिए उनके बच्चे भी उनकी इज्जत करना कम कर देते हैं। दरअसल, अक्सर कुछ माता-पिता एक दूसरे से बातचीत के दौरान तुरंत पलट कर जवाब देते हैं और फिर ये बिना सोचे समझे उन दोनों में चलता रहता है और बच्चे वही सीख जाते हैं। फिर वे भी आपको पलट कर जवाब देते हैं जो कि आपको बुरा लगता है। इसलिए खुद भी वो ना करें जो आप अपने बच्चों से नहीं चाहते।

3. अरे यार, तुम भी ना...ऐसे शब्दों का इस्तेमाल
माता -पिता आपसे दोस्ताना व्यवहार रखें ये अच्छा है लेकिन वे किन शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं उसका ख्याल रखना जरूरी है। जैसे कि आपस में बात करते सनय माता पिता अरे यार, तुम भी ना...ऐसे शब्दों का इस्तेमाल का इस्तेमाल ना करें। नहीं आपका बच्चा भी इन्हीं शब्दों को सीख जाएगा और फिर आपके साथ, स्कूल में और बड़ों के साथ ऐसे ही बात करेगा।

v

4. हमेशा ऊंची आवाज में बात करना
ज्यादातर माता-पिताबिना सोचे समझे इस काम को करते हैं। वे नहीं समझते कि इसका उनके बच्चों पर क्या असर होगा। जैसे कि बच्चों के सामने ऊंची आवाज में एक दूसरे पर चिल्लाना या फिर हमेशा ऊंची आवाज में बात करना। ऐसे में बच्चे भी हर बात को रूखे ढंग से और ऊंची आवाज में बोलना सीख जाते हैं और यहीं ये एक बेअदब भाषा की शुरुआत होती है।

5. बात करने के दौरान गाली वाले शब्दों का इस्तेमाल
माता-पिता को घर में या घर के किसी भी व्यक्ति से या फिर दोस्त से गाली वाले शब्दों का इस्तेमाल करते हुए बात नहीं करना चाहिए। दरअसल, बच्चे किसी भी चीज के बारे में ज्यादा सोच नहीं पाते और जो शब्द उन्हें अच्छा लगता है या मन करता है वे सीख लेते हैं। इसलिए बच्चों के सामने इन तमाम चीजों को करने से बचें।

From Around the web